घोघड़ ऊना, 9 अक्तूबर : अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस एवं समर्थ 2023 के अवसर पर पूरे प्रदेश में आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यह जानकारी दते हुए कार्यकारी उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि इसी कड़ी में आज जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना एवं जिला अंतर एजेंसी ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में जिला में सक्रिय विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ समन्वय बैठक व कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिला ऊना के सरकारी एवं गैर सरकारी समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें आपदा के दौरान गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों की भूमिका पर चर्चा की गई।
बैठक में साख परियोजना अधिकारी ऊना संजय सांख्यान ने जिला स्तर पर कार्यरत गैर सरकारी समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को आपदा प्रबंधन के आधारभूत विषयों के बारे में बताया और सरकारी संस्थाओं के बीच सहयोग के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की आपदा के दौरान कुशलतापूर्वक प्रतिक्रिया देने और खतरे को कम करने के लिए गैर सरकारी संगठनों को एक टीम के रूप में मिलकर काम करना चाहिए और स्थानीय प्रशासन और समुदाय का समर्थन करना चाहिए। इस बैठक में जिले भर में सक्रिय गैर सरकारी संस्थाओं के लगभग 46 प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।
जिला आपदा प्रबंधन की ओर से प्रशिक्षण समन्वयक सुमन चहल द्वारा हिमाचल प्रदेश और जिला ऊना में इस वर्ष बरसात के मौसम में आई आपदा पर प्रकाश डाला और बताया कि हिमाचल प्रदेश व जिला ऊना सहित कई जिलों में आपदा के कारण जान माल का काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने आपदा से होने वाले खतरों को कैसे भविष्य में काम किया जाए पर जानकारी दी गई। इन्हीं सभी खतरों को ध्यान में रखते हुए सरकार ग्राम स्तर पर लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करना चाहती है, जिसके लिए जिले में स्वयंसेवी संगठनों का अहम रोल है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर या पंचायत स्तर पर स्वयंसेवी संगठन स्वयंसेवियों का चयन कर उन्हें आपदा पर प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम चलाएं ताकि लोगों को जागरुक कर आपदा के खतरों को कम किया जा सके। अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने कहा कि जिला ऊना में भूकंप, आगजनी, रोड एक्सीडेंट इत्यादि जैसी आपदाएं आने की आशंका ज्यादा रहती है जिसके लिए हमें आपदा से पूर्व तैयारी करनी होगी और यह आप सभी के सहयोग से पूर्ण की जा सकती है और प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक किया जा सकता है।