घोघड़, धर्मशाला, 27 नवम्बर : प्रदेश में बेरोजगारी इस कदर है कि 9/10 हजार रुपए प्रतिमाह नौकरी की भर्ती के लिए बेरोजगार युवक-युवतियों की कतारें लग जाती हैं। सरकार रोजगार देने की संख्या बढ़ाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं तैयार कर विभिन्न विभागों में खाली पदों को भरने के लिए बेरोजगारों को भर्ती कर लेती है परंतु आवेदकों को यह तक पता नहीं होता कि उनकी नौकरी कभी नियमित भी होगी या नहीं। भर्ती होने के कुछ वर्षों बाद आरम्भ हो जाती हैं नियमित करने की मांगे, धरने और कई प्रकार के हथकंडे। 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी कई वर्षों से अपनी नियमिति की मांग कर रहे हैं । ठीक इसी तर्ज पर सरकार द्वारा प्रदेश में ‘मित्र’ श्रेणी में कई विभागों में भर्ती की जा रही है। कुछ विभागों में तो तैनाती हो चुकी है वहीं कुछ विभागों में इस श्रेणी में भर्तियों की तैयारी चल रही है। परंतु बड़ा प्रश्न यही है कि सरकार भविष्य में इन्हें नियमित करने की मंशा भी रखती है या नहीं ?
इसी मुद्दे पर धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने विस के इस शीतकालीन सत्र में सरकार से प्रश्न पूछ लिया । उनके द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न संख्या-3551 के जवाब में राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि वन विभाग में वन मित्रों की भर्ती तो की गई है, लेकिन इन्हें नियमित करने का कोई प्रावधान अभी तक नहीं है। सरकार द्वारा बनाई गई योजना (Scheme) के तहत नियुक्त वन मित्रों को अस्थायी आधार पर प्रतिमाह निश्चित मानदेय पर कार्य कराया जा रहा है।
सरकार ने बताया कि पशुपालन विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पदों के विकल्प के रूप में पशु मित्रों को भी आउटसोर्स आधार पर रखने के लिए पशु मित्र नीति-2025 तैयार की गई है। यह नीति 14 अगस्त 2025 को जारी अधिसूचना के माध्यम से लागू की गई है। हालांकि, इस नीति में भी पशु मित्रों को नियमित सेवा में शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है और अभी तक विभाग ने कोई भर्ती नहीं की है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में रोगी मित्रों की नियुक्ति को लेकर सरकार ने कहा कि यह मामला विचाराधीन है और इस दिशा में आवश्यक प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (HPSEBL) द्वारा 1602 पदों पर बिजली उपभोक्ता मित्रों को आउटसोर्स के माध्यम से रखने की प्रक्रिया जारी है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इन पदों को नियमित करने का भी कोई प्रावधान नहीं है।
बहरहाल सरकार ने इन सभी विभागों में “मित्र” वर्ग की भर्तियों के संदर्भ में यह साफ किया कि ये नियुक्तियाँ आउटसोर्सिंग अथवा अस्थायी योजनाओं के आधार पर ही की जा रही हैं और फिलहाल नियमितीकरण का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

