घोघड़, 24 जुलाई 2025 : मणिमहेश यात्रा 2025 से पहले भरमौर उपमंडल में चलाए गए “स्वच्छ मणिमहेश” विशेष अभियान के तहत सफाई कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। 15 जुलाई से 30 जुलाई तक चल रहे इस अभियान का उद्देश्य मणिमहेश यात्रा मार्ग को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। प्रशासन के अनुसार इस अभियान को चम्बा जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश में स्वयं सेवियों के सहयोग से चलाया जा रहा है। 15 से 23 जुलाई तक धणछो-गौरीकुंड नामक स्थलों के आसपास सफाई अभियान के दौरान भारी भरकम कचरा एकत्रित किया गया है।
अभियान की प्रमुख झलकियां:
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कुल एकत्रित कचरा: 5.61 टन
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कुल कचरा बैग: 521
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सफाई में भाग लेने वाले: 74 प्रतिभागी, जिनमें 43 सक्रिय स्वयंसेवक
मुख्य सफाई स्थल:
संपूर्ण कचरे का यह बड़ा भाग केवल दो स्थानों – धणछो और गौरीकुंड – से एकत्र हुआ:
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धणछो: 455 बैग (4.35 टन)
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गौरीकुंड: 66 बैग (1.26 टन)
मणिमहेश यात्रा मार्ग के अन्य हिस्सों व पड़ावों में सफाई कार्य अभी जारी है।
कचरे का वर्गीकरण:
कचरे का प्रकार | बैग की संख्या | वजन |
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धातु (Metal) | 126 बैग | 1.61 टन |
कपड़े | 44 बैग | 1.09 टन |
कट्टे (Katta) | 38 बैग | 453.29 किग्रा |
निम्न गुणवत्ता कचरा | 25 बैग | 476.20 किग्रा |
तिरपाल | 36 बैग | 349.04 किग्रा |
प्लास्टिक (PET) | 116 बैग | 347.77 किग्रा |
MLP | 35 बैग | 315.02 किग्रा |
LDPE | 33 बैग | 293.55 किग्रा |
जूते | 22 बैग | 255.40 किग्रा |
कांच (Glass) | 21 बैग | 251.42 किग्रा |
HDPE | 10 बैग | 52.48 किग्रा |
थर्माकोल/फोम | 11 बैग | 36.74 किग्रा |
मिश्रित कचरा | 4 बैग | 81.30 किग्रा |
इस विवरण से स्पष्ट है कि धातु, कपड़े, कट्टे और प्लास्टिक जैसे अपशिष्ट भारी मात्रा में पाए गए, जो यात्रा मार्ग पर अपशिष्ट प्रबंधन की गंभीरता को दर्शाता है।
प्रशासनिक प्रयास और भविष्य की योजना:
“स्वच्छ मणिमहेश” अभियान को प्रशासन द्वारा मणिमहेश यात्रा से पहले एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक पहल माना जा रहा है। उपायुक्त मुकेश रेपसवाल के अनुसार, यह सफाई मुहिम पर्यावरण संरक्षण और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिहाज से अहम रही है। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग व पड़वों से कुल 15 टन कचरा एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए चम्बा जिला प्रशासन, हीलिंग हिमालयाज संस्था और रैपीडयू टेक्नोलॉजी प्रा. लि. के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के तहत आधुनिक सफाई प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें तकनीकी सहायता के साथ-साथ विभिन्न विभागों और संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इस समझौते के अंतर्गत सफाई परियोजना पर कितनी धनराशि खर्च की जा रही है इसका खुलासा प्रशासन नहीं किया है।
इसमें पर्यटन, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, पर्यावरण-विज्ञान और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित होटल एसोसिएशन और स्थानीय निकायों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी।
उपमंडलाधिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा के अनुसार भरमौर उपमंडल में चलाया जा रहा “स्वच्छ मणिमहेश” अभियान एक अनुकरणीय पहल है, जो न केवल तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित व स्वच्छ वातावरण तैयार करता है, बल्कि पर्यावरणीय जागरूकता और स्थायी स्वच्छता व्यवस्थाओं की दिशा में भी सशक्त कदम है। उम्मीद है कि ऐसे प्रयासों से मणिमहेश यात्रा को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में उल्लेखनीय सफलता मिलेगी।
यहां यह जानना बहुत आवश्यक है कि अक्तूबर 2023 में शिव नुआला कमेटी भटियात ने ग्रीन ट्रयूबनल में अपील कर मणिमहेश यात्रा के कुप्रबंधन, यात्रा मार्ग पर फैले कचरे से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान व यात्रियों के लिए शौचालयों के अभाव से सम्बंधित एक शिकायत सौंपी थी। जिसके बाद मणिमहेश यात्रा के प्रबंधों को लेकर कुछ प्रशासनिक सक्रियता दिखने लगी है। बहरहाल मणिमहेश यात्रा तक प्रशासन प्रबंधों को कितना पूरा करता है यह अगस्त माह के पहले सप्ताह दिखना आरम्भ हो जाएगा।