घोघड़, चम्बा, 18 जुलाई 2025 : मणिमहेश तीर्थ यात्रा क्षेत्र को स्वच्छ और पर्यावरणीय दृष्टि से सुरक्षित बनाए रखने की दिशा में चंबा जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। जिला प्रशासन, रैपीडयू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और हीलिंग हिमालयाज संस्था के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस समझौते के तहत हीलिंग हिमालयाज संस्था, रैपीडयू टेक्नोलॉजी की तकनीकी सहायता से मणिमहेश यात्रा मार्ग पर आधुनिक सफाई व्यवस्था को लागू करेगी। उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने बताया कि इस परियोजना के क्रियान्वयन में पर्यटन, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, पर्यावरण-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागों सहित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्थानीय निकायों, व्यावसायिक संस्थाओं और होटल एसोसिएशन का भी सहयोग लिया जाएगा।
उपायुक्त ने जानकारी दी कि इस परियोजना के तहत भरमौर क्षेत्र में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी संबंधित पक्षों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचित “हिमाचल प्रदेश जमा वापसी योजना-2025” के तहत मणिमहेश यात्रा के दौरान एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जमा वापसी अवधारणा को लागू किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य कूड़ा-कचरे के बेहतर प्रबंधन के साथ-साथ पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना है।
15 से 30 जुलाई तक चल रहे स्वच्छता अभियान के अंतर्गत स्थानीय पंचायतों, स्वयंसेवी संगठनों, पर्यावरण प्रेमियों और श्रद्धालुओं की सहभागिता से सफाई अभियान को गति दी गई है। एकत्रित कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण की भी उचित व्यवस्था की गई है।
हीलिंग हिमालयाज और रिसाइकल संस्थाओं ने आश्वस्त किया कि उनके पास प्लास्टिक, कांच, टेट्रा पैक जैसे सूखे कचरे को अलग करने, संग्रहित करने और पुनर्चक्रण की पर्याप्त विशेषज्ञता व ढांचा मौजूद है, जिससे यात्रा मार्ग पर कचरे के ढेर की समस्या का स्थायी समाधान संभव होगा।
जिला प्रशासन इस प्रोजैक्ट पर कितना खर्च करने जा रहा है,इसका खुलासा नहीं किया गया है । यह पहल मणिमहेश यात्रा को स्वच्छ और टिकाऊ बनाने की दिशा में कितनी सफल रहती है यह मणिमहेश के बाद ही पता चलेगा ।