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घोघड़, चम्बा, 14 अगस्त : इस वर्ष मणिमहेश यात्रा के दौरान ऐसा करेंगे-वैसा करेंगे के दावे डींगे बनकर रही गई हैं। प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के दौरान हड़सर से मणिमहेश तक के यात्रा मार्ग व विभिन्न पड़ावों पर सफाई व स्वच्छता को प्राथमिकता देने के दृष्टिगत कई दिनों तक सफाई अभियान चलाया यहां तक कि इस क्षेत्र में सफाई के लिए जिला प्रशासन द्वारा त्रिपक्षीय समझौता भी हस्ताक्षरित किया गया है।

मणिमहेश मार्ग व पड़ावों पर सफाई व्यवस्था के अलावा स्वच्छता पर भी करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। यात्रा से पूर्व मणिमहेश यात्रा मार्ग हड़सर से मणिमहेश तक के विभिन्न पड़ावों पर मणिमहेश न्यास द्वारा करीब 02 करोड़ रुपए की लागत से करीब 200 प्रीफैब्रिकेटड शौचालय इकाइयां स्थापित की जानी थीं । हजारों श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा करके लौट चुके हैं परंतु उनकी सुविधा व पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्टिगत बनाए जाने वाले शौचालय अभी तक स्थापित नहीं हो पाए है।

यही नहीं शौचालय की जो इकाइयां स्थापित की गई हैं उनकी गुणवत्ता पर भी लोगों ने सवाल उठा दिए हैं। मणिमहेश ठेकेदार संघ ने इस बारे में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा को लिखित शिकायत में कहा है कि मणिमहेश मार्ग व विभिन्न पड़ावों पर स्थापित किए जा रहे शौचालय इकाइयां जुगाड़ तंत्र से निर्मित की जा रही हैं। हजारों यात्रियों की क्षमता के अनुरूप शौचालयों के टैंकों का आकार छोटा बनाया गया है। सीमेंट का उपयोग मापदंडों के अनुसार नहीं किया जा रहा है। जहां कुछ सीमेंट का कार्य किया जा रहा है उसके लिए रेत व बजरी धणछो नाले से निकाला जा रहा है जोकि अवैध खनन का मामला है। संघ अध्यक्ष शिव कुमार ने कहा कि प्रीफैब्रीकेटड शौचालयों के ढांचों को कहीं-कहीं पत्थरों पर टिकाया गया है जो कभी भी गिरकर दुर्घटना को न्योता दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि स्थापित किए शौचालयों के लिए लाए गए प्रीफैब्रीकेटड मेटीरियल की गुणवत्ता व निर्धारित कम्पनियों तक की जांच तक नहीं की गई है। ठेकेदार युनियन अध्यक्ष ने कहा कि इस बारे में कार्य को निर्धारित मानकों के अनुसार करवाने के लिए वहां तैनात कनिष्ठ अभियंता से भी कई बार शिकायत की गई परंतु कार्य में कोई सुधार नहीं लाया जा रहा है। इस प्रकार घटिया गुणवत्ता के कार्य से मणिमहेश न्यास के धन का दुरुपयोग हो रहा है।

उन्होंने मांग की है कि उक्त शौचालय इकाइयों के कार्य की जांच की जाए व उसे निर्धारित मानकों के अनुरूप निर्मित किया जाए।

गौरतलब है कि अब तक हजारों श्रद्धालु 100 रुपए का सुविधा शुल्क देकर मणिमहेश यात्रा करके लौट चुके हैं  शौच की जिन्हें सुविधा तक नहीं मिल पाई।

इस संदर्भ में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने माना कि शौचालयों के निर्माण कार्य में देरी हुई है इसलिए ठेकेदार को तुरंत कार्य पूरा करने के आदेश दिए गए हैं। कार्यों की घटिया गुणवत्ता की शिकायत के मामले पर उन्होंने कहा कि वे इस मामले की जांच कर आवश्यक कदम उठाएंगे।


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