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घोघड़, चम्बा 24 मई : हिप्र के प्रसिद्ध देवी भरमाणी मंदिर परिसर स्थित कृत्रिम जलाशय में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु स्नान करते हैं। मणिमहेश यात्रा की अवधि को भी छोड़ दिया जाए तो इस मंदिर में अप्रैल माह से नवम्बर माह तक श्रद्धालुओं का लगातार आवागमन रहता है। इस दौरान श्रद्धालु मंदिर में पूजा से पूर्व इस परिसर में स्थापित जलकुंड में स्नान करते हैं।

मणिमहेश न्यास द्वारा संचालित इस मंदिर में सफाई को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। मंदिर के इस जलकुंड को लम्बे समय तक साफ न किए जाने के कारण इसमें काई जमना आरम्भ हो जाती है। गत दिवस घोघड़ न्यूज के सहयोगियों व स्थानीय स्वयंसेवियों ने साफ कर  पुनः स्नान योग्य बना दिया।

भरमाणी मंदिर के इस कृत्रिम जलाशय को साफ करने में दो दिन का समय लगा है। टैंक में गाद जम गई थी । हवा से उड़कर व वर्षा के तेज बहाव से आसपास की मिट्टी व कूड़ा इस टैंक में पहुंच जाता है । घोघड़ के सहयोगियों ने कहा कि इस टैंक को साफ तो कर दिया गया परंतु इसमें लगी टाईलों के टूटे टुकड़ों से स्नान करने् वाले श्रद्धालु घायल हो रहे हैं। प्रशासन ने अगर समय रहते इसका समाधान नहीं किया तो मणिमहेश यात्रा के दौरान कई लोगों के घायल होने का जोखिम है।

हर सप्ताह कोई न कोई श्रद्धालु इसमें स्नान के दौरान घायल हो रहा है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस जलकुंड को जल्द सुरक्षित बनाया जाए।

 


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