घोघड़, शिमला, 19 दिसम्बर : हिमाचल प्रदेश के लिए आधार सेवाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में प्रदेश को तीन आधार सेवा केंद्रों की स्वीकृति मिली है। इनमें से प्रदेश का पहला आधार सेवा केंद्र शिमला में शुरू कर दिया गया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने एसडीए कॉम्प्लेक्स, कसुम्पटी में इस केंद्र का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पासपोर्ट सेवा केंद्र की तर्ज पर अब आधार से जुड़ी सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल तीन आधार सेवा केंद्र स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें शिमला के अलावा मंडी और कांगड़ा में भी केंद्र स्थापित किए जाएंगे। शिमला में शुरू हुआ यह केंद्र प्रदेश का पहला आधार सेवा केंद्र है, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि इससे पहले आधार से जुड़ी कई सेवाओं के लिए लोगों को चंडीगढ़ जाना पड़ता था, लेकिन अब शिमला में ही सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे समय और संसाधनों की बचत के साथ-साथ आम जनता को सुविधा भी मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) मुख्यालय, नई दिल्ली के मार्गदर्शन में इस आधार सेवा केंद्र का संचालन यूआईडीएआई के क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ द्वारा किया जा रहा है। यह केंद्र आधार नामांकन, अपडेट और अन्य संबंधित सेवाओं के लिए एक “वन-स्टॉप डेस्टिनेशन” के रूप में कार्य करेगा।
यह आधार सेवा केंद्र पूरी तरह व्हीलचेयर अनुकूल है तथा बुजुर्गों और दिव्यांग नागरिकों के लिए विशेष सुविधाओं से सुसज्जित है। केंद्र सप्ताह के सातों दिन, सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर, सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहेगा। शिमला और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को बेहतर सेवा अनुभव के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
आधार सेवा केंद्र पर मिलती हैं यह सुविधाएं –
आधार से संबंधित सेवाओं को सरल, सुगम और नागरिकों के लिए सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से स्थापित आधार सेवा केंद्र आम जनता के लिए एक वन-स्टॉप सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करता है। इन केंद्रों में आधार से जुड़ी लगभग सभी सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाई जाती हैं।
आधार सेवा केंद्र पर नए आधार नामांकन की सुविधा उपलब्ध होती है। जिन नागरिकों का अभी तक आधार नहीं बना है, उनका बायोमेट्रिक विवरण लेकर नया आधार कार्ड तैयार किया जाता है। इसके अलावा आधार में नाम, जन्मतिथि, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल और लिंग से संबंधित त्रुटियों के सुधार व अपडेट की सुविधा भी यहां दी जाती है।
केंद्र पर बायोमेट्रिक अपडेट की व्यवस्था भी होती है, जिसमें फोटो, फिंगरप्रिंट और आंखों की स्कैनिंग शामिल है। यह सेवा विशेष रूप से बच्चों, किशोरों और बुजुर्गों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। शून्य से पांच वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए बाल आधार बनाने की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसे माता या पिता के आधार से जोड़ा जाता है।
आधार सेवा केंद्र में नागरिक ई-आधार डाउनलोड, आधार कार्ड का प्रिंट और पीवीसी आधार कार्ड के लिए आवेदन भी कर सकते हैं। इसके साथ ही आधार नामांकन या अपडेट की स्थिति की जानकारी तथा आधार से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।
वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केंद्रों को व्हीलचेयर अनुकूल बनाया जाता है तथा उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। नागरिकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की व्यवस्था भी की जाती है, जिससे बिना लंबी प्रतीक्षा के समयबद्ध सेवा मिल सके।
स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग और सरकारी योजनाओं में आधार की बढ़ती भूमिका को देखते हुए आधार सेवा केंद्रों को आम जनता के लिए अत्यंत उपयोगी माना जा रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के निदेशक जगदीश कुमार ने की। उन्होंने कहा कि यह पहल भरोसेमंद, समावेशी और नागरिक-केंद्रित आधार सेवाएं उपलब्ध कराने के यूआईडीएआई के उद्देश्य के अनुरूप है।
इस अवसर पर यूआईडीएआई के स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर विजय सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तरी क्षेत्र रजनीश मेहता, संयुक्त निदेशक डिजिटल टेक्नोलॉजी एंड गवर्नेंस विभाग अनिल सेमवाल सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

