उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा हिमाचल प्रदेश के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है, जो भगवान शिव को समर्पित है। हर वर्ष हजारों श्रद्धालु कठिन पैदल यात्रा कर हड़सर से पवित्र डल झील तक पहुंचते हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि हिमालय की सुंदर वादियों में आत्मिक शांति की खोज भी है।
हालांकि तीर्थ यात्रियों की संख्या में निरंतर वृद्धि के कारण इस क्षेत्र में प्लास्टिक और अन्य प्रकार के कचरे का दबाव बढ़ा है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उपायुक्त ने बताया कि इस विशेष स्वच्छता अभियान का उद्देश्य न केवल मार्ग की सफाई करना है, बल्कि लोगों में स्वच्छता, टिकाऊ पर्यटन और कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूकता भी पैदा करना है।
“स्वच्छ मणिमहेश अभियान” में भाग लेने के इच्छुक लोग https://manimahesyatra.hp.gov.in/swachhmanimaheshabhiyaan पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 7827097975 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
इस पहल के माध्यम से प्रशासन पवित्र तीर्थ क्षेत्र की प्राकृतिक और धार्मिक गरिमा को बनाए रखने की दिशा में सभी नागरिकों से सहयोग की अपील कर रहा है।