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घोघड़, नई दिल्ली 05 जनवरी :  युवा अचीवर्स योजना (श्रेयस) के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजना को 2021-22 से 2025-26 के दौरान अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अन्य के लिए चल रही दो केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं को लागू करके उसे कार्यांन्वित करने का प्रस्ताव दिया गया है –

  1. ओबीसी के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप
  2. अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के लिए विदेशी अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी की डॉ. अंबेडकर केंद्रीय क्षेत्र योजना।

योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फेलोशिप (वित्तीय सहायता) और विदेशी अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करके अन्य पिछड़ा वर्ग और और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों का शैक्षिक सशक्तिकरण है।

इस योजना में निम्नलिखित दो घटक शामिल हैं

घटक 1. ओबीसी छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप

इस योजना का उद्देश्य ओबीसी छात्रों को विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और वैज्ञानिक संस्थानों में एम.फिल और पीएचडी जैसी डिग्री के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

यह योजना प्रति वर्ष कुल 1000 जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्रदान करने के लिए बनी है। यह फेलोशिप उन छात्रों के लिए है, जो एडवांस्ड अध्ययन और अनुसंधान करते हुए एम.फिल और पीएच.डी. डिग्री हासिल करेंगे। इस फेलोशिप को हासिल करने के लिए आवश्यक है कि इन छात्रों ने निम्नलिखित परीक्षाओं में अर्हता प्राप्त की है:

  1. राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा-यूजीसी की जूनियर रिसर्च फेलोशिप (नेट-जेआरएफ) (मानविकी/सामाजिक विज्ञान के लिए) या
  2. यूजीसी-वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) नेट-जेआरएफ संयुक्त परीक्षा (विज्ञान के लिए)

यह योजना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों/संस्थानों को सम्मिलित करती है तथा एम.फिल और पीएच.डी. करने वाले शोध छात्रों को दी जाने वाली यूजीसी फेलोशिप की योजना के पैटर्न पर यूजीसी द्वारा ही कार्यान्वित की जाती है।

योजना की मुख्य विशेषताएं:

  • यह योजना अब मंत्रालय द्वारा नामित केंद्रीय नोडल एजेंसी के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है; राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त और विकास निगम (भारत सरकार का उपक्रम, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत)
  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालय/संस्थान।
  • पात्रता शर्तें यूजीसी-नेट और सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षाओं के लिए अधिसूचना के अनुसार हैं।
  • जेआरएफ स्तर के लिए फ़ेलोशिप की दर में वृद्धि की गई है और 1 जनवरी, 2023 से यह 37000/-रुपये प्रति माह और एसआरएफ स्तर के लिए यह 42000/-रुपये प्रति माह हो गई है, इसके अलावा आकस्मिक व्यय राशि भी मिलती है।
  • इस योजना के तहत उपलब्ध 1000 स्लॉट में से 750 यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा – जूनियर रिसर्च फेलोशिप (एनईटी-जेआरएफ) के तहत विषयों के लिए आवंटित किए जाएंगे और शेष 250 यूजीसी-वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) एनईटीजेआरएफ संयुक्त परीक्षा के लिए आवंटित किए जाएंगे। (विज्ञान स्ट्रीम के लिए)।
  • ये 1000 स्लॉट सरकार की सामान्य आरक्षण नीति के तहत चयनित ओबीसी छात्रों के अतिरिक्त होंगे।
  • यूजीसी द्वारा फेलोशिप प्रदान करने के लिए उम्मीदवारों का चयन करते समय कुल सीटों में से कम से कम 5 प्रतिशत सीटें विकलांग छात्रों के लिए आरक्षित होनी चाहिए।

उपलब्धियां: 2023-24 के दौरान, 50.90 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं (4 जनवरी, 2023 तक)

घटक 2: अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) के लिए विदेशी अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी की डॉ. अम्बेडकर योजना

यह ओबीसी और ईबीसी से संबंधित छात्रों को स्नातकोत्तर, एम.फिल और पीएच.डी. स्तर तक की विदेश में अनुमोदित पाठ्यक्रमों के अध्ययन करने के लिए शिक्षा ऋण पर अधिस्थगन की अवधि के लिए देय ब्याज पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करने की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।

योजना की मुख्य विशेषताएं:

  • यह योजना केनरा बैंक (योजना के लिए नोडल बैंक) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
  • यह योजना विदेश में उच्च अध्ययन के लिए लागू है। ब्याज सब्सिडी भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की मौजूदा शैक्षिक ऋण योजना से जुड़ी होगी और मास्टर्स, एम.फिल और पीएचडी स्तर पर पाठ्यक्रम के लिए नामांकित छात्रों तक सीमित होगी।
  • दिशानिर्देशों में सूचीबद्ध पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों को विदेश में मास्टर्स, एम.फिल या पीएचडी स्तर पर अनुमोदित पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करना चाहिए।
  • ओबीसी उम्मीदवारों के लिए, नौकरी करने वाले उम्मीदवार  के मामले में सभी स्रोतों से कुल आय या बेरोजगार उम्मीदवार के मामले में उसके माता-पिता/अभिभावकों के सभी स्रोतों से कुल आय वर्तमान क्रीमी लेयर मानदंड से अधिक नहीं होगी।
  • ईबीसी उम्मीदवारों के लिए, नौकरी करने वाले उम्मीदवार  के मामले में सभी स्रोतों से कुल आय या बेरोजगार उम्मीदवार के मामले में उसके माता-पिता/अभिभावकों के सभी स्रोतों से कुल आय 5.00 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होगी।
  • कुल वित्तीय सहायता का 50 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।
  • योजना के अंतर्गत, आईबीए के शिक्षा ऋण का लाभ उठाने वाले छात्रों को अधिस्थगन की अवधि (यानी पाठ्यक्रम अवधि, साथ ही नौकरी मिलने के एक साल या छह महीने बाद, जो भी पहले हो) के लिए 100 प्रतिशत ब्याज देय होगा, जैसा कि आईबीए शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत निर्धारित है, लेकिन  यह भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
  • अधिस्थगन की अवधि समाप्त होने के बाद, छात्र द्वारा बकाया ऋण राशि पर ब्याज का भुगतान मौजूदा शैक्षिक ऋण योजना के अनुसार किया जाएगा, जिसे समय-समय पर संशोधित किया जा सकता है।
  • अभ्यर्थी अधिस्थगन अवधि के बाद मूल किश्तें और ब्याज वहन करेगा।
  • ऋण की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये है

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