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घोघड़, धर्मशाला, 28 फरवरी : कांगड़ा जिला में बीते 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई स्थानों पर भूस्खलन और जलभराव से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए दावे किए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन सतर्क, लेकिन राहत में आ रही चुनौतियां
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने सभी उपमंडलाधिकारियों, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को फील्ड में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं ताकि राहत और पुनर्वास के कार्यों में किसी तरह की कमी न रहे। उन्होंने जिला मुख्यालय में आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में बारिश से हुए नुकसान की समीक्षा की और अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। हालाँकि, जमीनी हकीकत यह है कि कई इलाकों में प्रभावित लोग अभी भी प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे हैं।

बादल फटने और भूस्खलन से बढ़ी मुश्किलें
मुल्थान के रोकारू में बादल फटने से चार वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं, हालांकि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। वहीं, पालमपुर उपमंडल के शिवा जलविद्युत प्रोजेक्ट के पास एक व्यक्ति के लापता होने और एक अन्य के घायल होने की सूचना है। प्रशासन द्वारा लापता व्यक्ति की तलाश जारी है। मुल्थान के पोलिंग में भूस्खलन के कारण कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं और चार मकानों के गिरने का खतरा बना हुआ है, जिससे प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। खन्यारा की मनूनी खड्ड में पानी का बहाव बढ़ने से तीन टिप्पर और दो जेसीबी को नुकसान पहुंचा है।

सड़कें अवरुद्ध, ग्रामीण क्षेत्रों में दिक्कतें
भारी बारिश के कारण कई सड़कें बाधित हो गई हैं, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खासकर, ग्रामीण इलाकों में स्थानीय लोग परेशान हैं, क्योंकि कई मार्गों पर भूस्खलन से रास्ते बंद हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा जेसीबी जैसी मशीनरी तैनात करने के दावे किए गए हैं, लेकिन कई जगहों पर अभी तक मलबा नहीं हटाया गया है।

ब्यास नदी का बढ़ता जलस्तर, पौंग डैम प्रबंधन सतर्क
प्रशासन ने ब्यास नदी के जलस्तर की निगरानी के लिए पौंग डैम प्रबंधन से संपर्क साधा है ताकि आवश्यकता पड़ने पर जल निकासी के लिए डैम के गेट खोले जा सकें। उपायुक्त ने नागरिकों और पर्यटकों से नदी-नालों के किनारे न जाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।

कंट्रोल रूम से करें संपर्क
किसी भी आपात स्थिति में जिला वासियों से आग्रह किया गया है कि वे तुरंत जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क करें। जिला मुख्यालय समेत सभी उपमंडलों में आपदा प्रबंधन केंद्र 24 घंटे चालू हैं।

स्थानीय नागरिकों की अपील
कई ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के दावे के बावजूद राहत कार्यों में देरी हो रही है। लोग बिजली, पानी और यातायात बाधित होने से परेशान हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत जमीनी हकीकत को देखते हुए राहत कार्यों को तेज करे और प्रभावित लोगों तक शीघ्र सहायता पहुंचाए।


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