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घोघड़, नई दिल्ली, 13 मार्च : भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ (पीएमएसजीएमबीवाई) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 10 मार्च 2025 तक इस योजना के तहत 10 लाख घरों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं।

योजना की प्रमुख उपलब्धियां:

  • कुल प्राप्त आवेदन: 47.3 लाख
  • अब तक सब्सिडी प्राप्त लाभार्थी: 6.13 लाख
  • वितरित सब्सिडी राशि: 4,770 करोड़ रुपये
  • ऋण आवेदन प्राप्त: 3.10 लाख
  • स्वीकृत ऋण: 1.58 लाख
  • वितरित ऋण: 1.28 लाख

इस योजना के तहत 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 6.75% रियायती ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक के गिरवी-मुक्त ऋण प्रदान कर रहे हैं। यह योजना न केवल घरों को मुफ्त बिजली प्रदान कर रही है, बल्कि पर्यावरणीय और आर्थिक सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।


कई राज्यों में उल्लेखनीय प्रगति

चंडीगढ़ और दमन एवं दीव ने सरकारी भवनों पर 100% सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर लिए हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य भी इस अभियान में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

सरकार का लक्ष्य 2026-27 तक 1 करोड़ घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का है, जिसके लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है।

शीर्ष 5 राज्य जो सबसे अधिक लाभान्वित हुए:

रैंक राज्य लाभान्वित घर
1 राजस्थान 1.8 लाख
2 महाराष्ट्र 1.5 लाख
3 गुजरात 1.3 लाख
4 तमिलनाडु 1.1 लाख
5 कर्नाटक 1 लाख

योजना के मुख्य लाभ

घरों के लिए मुफ्त बिजली: सौर पैनल से ऊर्जा लागत में भारी कमी।
बिजली लागत में बचत: सरकार को सालाना 75,000 करोड़ रुपये की बचत।
पर्यावरणीय लाभ: प्रत्येक सौर संयंत्र 100 पेड़ों के बराबर कार्बन उत्सर्जन कम करता है।
आत्मनिर्भरता: घरेलू सौर मॉड्यूल और बैटरी निर्माण को बढ़ावा।
रोजगार के अवसर: इस योजना से 17 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की उम्मीद।


सब्सिडी विवरण

औसत मासिक बिजली खपत (यूनिट) उपयुक्त सौर संयंत्र क्षमता सब्सिडी राशि
0-150 1-2 किलोवाट 30,000 – 60,000 रुपये
150-300 2-3 किलोवाट 60,000 – 78,000 रुपये
300 से अधिक 3 किलोवाट से अधिक 78,000 रुपये

 

गिरवी-मुक्त ऋण सुविधा

सरकार 3 किलोवाट तक की सौर ऊर्जा प्रणाली के लिए लगभग 7% की ब्याज दर पर बिना किसी गिरवी के लोन की सुविधा प्रदान कर रही है।


योजना का प्रभाव

  • घरेलू बचत: बिजली बिलों में कटौती और अतिरिक्त ऊर्जा को बेचकर आय का स्रोत।
  • सौर ऊर्जा क्षमता में वृद्धि: इस योजना से 30 गीगावाट की अतिरिक्त क्षमता जुड़ने की उम्मीद।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: 25 वर्षों में 720 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
  • रोजगार सृजन: इस योजना से विभिन्न क्षेत्रों में 17 लाख नए रोजगार अवसर उत्पन्न होंगे।

आदर्श सौर ग्राम: ग्रामीण क्षेत्रों में क्रांति

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में आदर्श सौर ग्राम स्थापित किए जा रहे हैं। इसके लिए 800 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें प्रत्येक चयनित गांव को 1 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी।

पात्रता:

गांव की आबादी – सामान्य राज्यों में 5000 से अधिक, विशेष श्रेणी के राज्यों में 2000 से अधिक
प्रतिस्पर्धात्मक चयन – प्रत्येक जिले में सर्वाधिक सौर ऊर्जा क्षमता वाले गांव को अनुदान मिलेगा।

‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना ने 10 लाख घरों में सौर ऊर्जा की स्थापना पूरी कर ली है और 1 करोड़ घरों तक पहुंचने के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। यह पहल सस्ती बिजली, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है।

आवेदन की प्रक्रिया

सौर पैनल की स्थापना के लिए सुचारू व कुशल प्रस्तुति एवं अनुमोदन सुनिश्चित करने हेतु आवेदन की प्रक्रिया में नौ विशिष्ट चरणों का अनुपालन शामिल है।


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