तहसील कल्याण अधिकारी ऊना, जितेन्द्र शर्मा, ने विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का क्रमवार विवरण दिया। उन्होंने दिव्यांगजन सामर्थ्य कार्यक्रम, विकलांग राहत भत्ता, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना, विकलांग विवाह अनुदान, विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएँ, कौशल विकास प्रशिक्षण, राष्ट्रीय न्यास, यूडीआईडी कार्ड, स्वयं रोजगार ऋण योजनाएँ, वृद्धावस्था एवं विधवा पेंशन, गृह निर्माण अनुदान, अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार और राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना जैसे प्रावधानों की पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और लाभ का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने सभी पेंशनधारकों को समय पर ई-केवाईसी पूर्ण करने की भी अपील की।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना से एडवोकेट सुमेधा शर्मा और एडवोकेट प्रवीण चौधरी ने मातृ-पितृ भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम सहित अन्य सामाजिक सुरक्षा कानूनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन कानूनों का उद्देश्य कमजोर वर्गों, वरिष्ठ नागरिकों और वंचित समुदायों को न्यायिक संरक्षण और सहायता उपलब्ध करवाना है। वक्ताओं ने कानूनी प्रावधानों के वास्तविक जीवन में उपयोग, शिकायत निवारण की प्रक्रिया और न्यायालयों की भूमिका पर भी प्रतिभागियों को अवगत कराया।
शिविर में ग्राम पंचायत रायसरी के प्रधान, उपप्रधान, वार्ड सदस्यों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित लगभग 105 नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी की। जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल योजनाओं की जानकारी देना था, बल्कि लोगों को अपने संवैधानिक और कानूनी अधिकारों को समझने तथा उनका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करना भी रहा।