घोघड़, चम्बा 14 नवम्बर : जनजातीय गौरव पखवाड़ा के अंतर्गत भरमौर मुख्यालय में चल रहे खेल मेले का आकर्षण लगातार बना हुआ है। स्कूलों व गांव के युवा तो इन खेलों मे भाग ले रहे हैं, बुजुर्ग भी खेलों के प्रति काफी उत्साहित हैं। इस खेल मेले में आज कौड़ी व वॉलीबाल प्रतियोगिताओं के फाइनल मुकाबले खेले गए।

खेल मेले की निर्णायक समिति अध्यक्ष गोवर्धन चौहान ने कहा कि कौड़ी प्रतियोगिता में कुल 05 टीमों ने भाग लिया जिसमें वरिष्ठ नागरिक निक्का राम की अगुआई वाली सचूईंं गांव की टीम ने इसी गांव की जूनियर टीम को हराकर कर खेल मेले का कौड़ी खेल फाइनल मुकाबला जीता। गौरतलब है कि कौड़ी का फाइनल हारने वाली टीम का नेतृत्व निक्का राम के पुत्र महिन्द्र सिंह कर रहे थे। परंतु पिता की चालों के आगे पुत्र की टीम बेबस नजर आई।
यहां यह जानना भी आवश्यक है कि कौड़ी खेल इस जनजातीय क्षेत्र का प्राचीन खेल है। आधुनिक लुडो इस खेल का प्रतिरूप है। जहां लुडो में 1 से 6 तक के अंकों के आधार पर गोटियां चलाई जाती हैं वहीं कौड़ी खेल 06 कौड़ियों से खेला जाता है। जिसमें 2, 3, 4, 6, 8, 10 और 12 अंकों के दांव फेंके जाते हैं।
भले ही कौड़ी खेल की बहुत सी चालें लुडो से मिलती-जुलती हों परंतु कौड़ी की गोटियां विशेष परिस्थितियों विपरीत दिशा में चला कर विरोधी खेमे में भी पहुंचाई जाती हैं । युवा वर्ग तो अब इस खेल से लगभग किनारा कर चुका है बहरहाल बुजुर्ग आज भी इस खेल को खेलते हुए अपने जवानी के दिनों की अनुभूति करने लगते हैं।
