घोघड़, चम्बा, 25 नवम्बर : 22 नवम्बर को भरमौर उपमंडल के घरेड़ नामक गांव में दो परिवारों की बीच हुई मारपीट में घायल संजीव नामक युवक की टांडा अस्पताल में उपचार के दौरान मृ*त्यु हो गई । संजीव कुमार के शव का आज गांव के शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान घरेड़ व अन्य गांवों के सैकड़ों लोग पहुंचे हुए थे।
गांव में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश था। कुछ लोगों ने शमशान घाट पर ही हत्यारोपित मां, पुत्र के परिवार के बहिष्कार का मौखिक प्रस्ताव रखा। इन लोगों का कहना था कि ऐसी घटनाओं से पूरे गांव की छवि खराब होती है। भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसा अपराध न करे इसलिए आरोपित परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जाए। उक्त परिवार के साथ गांव का कोई व्यक्ति सम्बन्ध न रखे।
इस प्रस्ताव पर गांव के कुछ लोगों ने हामी भरी तो कुछ खामोश रहे। इस अवसर पर मौजूद आरोपित युवक के ताया, चाचा ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि परिवार में किसी प्रकार के आवश्यक कार्य को छोड़कर वे गांव के निर्णय के साथ हैं।
उधर दूसरी ओर गांव एक वर्ग ऐसा भी था जिसका मानना है कि दोषियों को कानून सजा दे रहा है ऐसे में परिवार के अन्य सदस्यों को सामाजिक बहिष्कार जैसे निर्णय से प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। इस वर्ग का कहना था कि हत्या के प्रकार व कारणों की जांच पुलिस कर रही है। अगर वहां से न्याय नहीं मिलता तो ऐसे सामाजिक निर्णय लिए जा सकते हैं । लिहाजा ऐसे फैसले भावनाओं में बहकर लेने के बजाए विचार विमर्श के बाद लिए जाने चाहिए । जिसमें उस परिवार के सामाजिक व्यवहार का मूल्यांकन भी आवश्यक है।
इस मामले में ग्राम पंचायत प्रधान घरेड़ अंजू देवी ने बताया कि यह फैसला गांव स्तर पर लिया गया है जिसका ग्राम पंचायत से कोई सम्बंध नहीं है। उनके पति मिलाप चौहान ने कहा कि आरोपित व्यक्ति के परिवार के साथ सम्बंध रखने वाले व्यक्ति का भी सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरोपित के ताया, चाचा व गांव के सभी बुजुर्ग भी इस निर्णय के पक्षधर हैं।
इस निर्णय का प्रभाव कितना व किस प्रकार रहता है, यह निकट भविष्य में दिखेगा बहरहाल इस मुद्दे पर खुलकर बोलने को कोई तैयार नहीं है।

