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घोघड़, चम्बा, 16 सितम्बर : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भरमौर में किया छात्राओं का स्वास्थ्य निरीक्षण।

विद्यालय प्रवक्ता कृष्ण पखरेटिया जानकारी देते हुए कहा कि नागरिक अस्पताल भरमौर से डॉ चन्दन व स्वास्थ्य शिक्षक पवन भारद्वाज ने बच्चों को HIV, एड्स, एनीमिया HB बारे विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान छात्राओं में अनीमिया की जांच भी की गई।
डॉ चन्दन ने स्कूल प्रबंधन को बताया कि विद्यालय की छात्राओं का पोषाहार संतुलित होने के कारण कोई भी छात्रा एनीमिया की शिकार नहीं पाई गई है।

उन्होंने कहा कि अनीमिया (Anemia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) या हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। यह कमी होने पर शरीर के विभिन्न अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती, जिससे व्यक्ति को कमजोरी, थकान, चक्कर आना, सांस फूलना और पीली त्वचा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं – आयरन (लोहा), विटामिन B12 या फॉलिक एसिड की कमी, अत्यधिक रक्तस्राव (जैसे चोट, सर्जरी, मासिक धर्म या प्रसव के दौरान), कुछ दीर्घकालिक बीमारियां (किडनी, लीवर, कैंसर), अस्थि मज्जा (Bone Marrow) से संबंधित विकार या अनुवांशिक रोग जैसे थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया।

यह समस्या विशेषकर महिलाओं (गर्भवती और मासिक धर्म वाली), छोटे बच्चों, किशोरियों, बुजुर्गों, शाकाहारी या पोषण की कमी वाले लोगों और लंबे समय से बीमार चल रहे रोगियों में ज्यादा पाई जाती है।

अनीमिया से बचाव के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है जिसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, गुड़, अनार, चुकंदर, सेब, मछली, अंडा और मांस जैसे आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हों। साथ ही विटामिन C से युक्त फल (संतरा, आंवला, नींबू) का सेवन करने से शरीर आयरन को बेहतर तरीके से अवशोषित कर पाता है। समय-समय पर स्वास्थ्य जांच, महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व देखभाल और चिकित्सक की सलाह अनुसार आयरन-फोलिक एसिड की गोलियों का सेवन भी फायदेमंद रहता है।


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