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घोघड़, ऊना, 29 अक्तूबर : भारतीय लोकतंत्र को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में भारत निर्वाचन आयोग ने एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। अब जम्मू-कश्मीर के कश्मीर डिवीजन से जुड़े प्रवासी मतदाता देश के किसी भी हिस्से में रहते हुए ऑनलाइन माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। यह सुविधा फिलहाल आगामी 27-बडगाम विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव (वर्ष 2025) के लिए लागू की गई है।

इस पहल का उद्देश्य उन नागरिकों को मतदान का अवसर उपलब्ध कराना है जो रोज़गार, शिक्षा या अन्य कारणों से अपने गृह क्षेत्र से बाहर हैं, ताकि कोई भी मतदाता मतदान से वंचित न रहे।

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने जानकारी दी कि वैध प्रवासी प्रमाण-पत्र रखने वाले मतदाता दिल्ली, उधमपुर और जम्मू में स्थापित विशेष मतदान केंद्रों पर जाकर एम फॉर्म या सी फॉर्म के माध्यम से मतदान कर सकेंगे।

मतदाता अपने नज़दीकी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ प्रवासी प्रमाण-पत्र, वर्तमान निवास प्रमाण तथा आवश्यक फॉर्म संलग्न करना अनिवार्य होगा। इन दस्तावेज़ों की जांच ऑनलाइन पोर्टल ईआरओ नेट पर की जाएगी, जहां स्कैन प्रतिलिपियाँ अपलोड होंगी। इसके बाद एआरओ अधिकारी अंतिम सत्यापन कर स्वीकृति प्रदान करेंगे।

उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि एम फॉर्म एक ही परिवार के पात्र सदस्यों के लिए सामूहिक रूप से भरा जा सकता है, जबकि सी फॉर्म व्यक्तिगत रूप से भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था प्रवासी नागरिकों को मतदान में भागीदारी का सहज और पारदर्शी विकल्प देगी, जिससे लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत होंगी।

उन्होंने सभी पात्र प्रवासी मतदाताओं से अपील की कि वे इस नई सुविधा का लाभ उठाते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग करें — क्योंकि हर वोट लोकतंत्र की शक्ति है।

अधिक जानकारी के लिए मतदाता अपने जिला निर्वाचन अधिकारी या निकटतम निर्वाचन कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही विस्तृत जानकारी के लिए www.nvsp.in या www.eci.gov.in वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

यह पहल न केवल तकनीकी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि लोकतंत्र को “हर घर तक पहुंचाने” की दिशा में भारत निर्वाचन आयोग का ऐतिहासिक कदम भी है।


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