घोघड़, चम्बा 12 अक्तूबर : विजय दशमी की पर्व पर आज चौरासी मंदिर प्रांगण में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने शस्त्र पूजन व पथ संचालन का आयोजन किया।
द्वापर युग में भगवान राम द्वारा रावण वध को भारतवर्ष में बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है। विजय दशमी पर्व को देश में अन्य कारणों से भी मनाया जाता है। दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक संगठन माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ इस दिन अपना स्थापना दिवस मनाता है। वर्ष 1925 में स्थापित हुआ यह संगठन अपने सौंवे वर्ष में पहुंच गया है।
इस अवसर पर आज चौरासी मंदिर प्रांगण में संगठन के खंड भरमौर व उपखंड होली के कार्यकर्ताओं ने शस्त्र पूजन व पथ संचालन का आयोजन किया । इस अवसर पर संघ के मुख्य वक्ता ने परिसर में मौजूद स्वयं सेवकों व स्थानीय लोगों को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के ध्येय से अवगत करवाते हुए कहा कि संघ की पहुंच आज हर घर तक हो चुकी है परंतु उसका कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि समाज को नशा मुक्त बनाना, कट्टरपंथियों के लव जिहाद से अपनी बेटियों को सुरक्षित रखना, समाजिक समरसता के लिए छुआछूत को समाप्त करने के कार्य अभी पूरे किए जाने आवश्यक हैं।
इस अवसर पर संघ के खंड कार्यवाह राजकुमार ने कहा कि संघ की विचारधारा का समर्थन करने भर से राष्ट्रीय एकता व अखंडता को बल नहीं मिल सकता अपितु इसके लिए देश के नागरिकों को अपना समय भी देना होगा। नागरिकों को अपने गांव या आसपास संघ की शाखा में उपस्थिति भी देनी होगी। स्वयं सेवकों को अपने आचरण को स्वच्छ बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ कट्टरवादी ताकतें समाज में अस्पृशता व साम्प्रदायिक जहर घोलने का प्रयास कर रही हैं। इनके सूत्र गांवों में फेरी वाले, मजदूरी या अन्य माध्यम से पहुंचकर वहां गांव के सामाजिक ढांचे की पड़ताल करते हैं और कहीं भी आपसी मनमुटाव होने पर वे वहां कट्टरवादी जहर घोल देते हैं इसी प्रक्रिया में धर्मपरिवर्तन भी करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज को बंटना नहीं है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ इसी संकट से लड़ने के लिए समाज को एकजुट करने का प्रयास कर रहा है जिसमें सबकी सहभागिता अपरिहार्य है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक डॉ जनक राज भी कार्यकर्ता के रूप में भाग लेते नजर आए।