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घोघड़, नई दिल्ली/जिनेवा, 21 जुलाई 2025 : भारत की डिजिटल पंचायती शासन व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी पहचान मिली है। “मेरी पंचायत” मोबाइल ऐप को जिनेवा, स्विट्जरलैंड में आयोजित प्रतिष्ठित वर्ल्ड समिट ऑन द इंफॉर्मेशन सोसाइटी (WSIS) प्राइज 2025 के तहत चैंपियन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार “सांस्कृतिक विविधता और पहचान, भाषाई विविधता और स्थानीय कंटेंट” श्रेणी में प्रदान किया गया।

डब्ल्यूएसआईएस+20 हाई लेवल इवेंट 2025 का आयोजन 7 से 11 जुलाई के बीच इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू), यूनेस्को, यूएनडीपी और यूएनसीटीएडी द्वारा जिनेवा में किया गया था। भारत सरकार की ओर से एनआईसी/एमओपीआर की वरिष्ठ निदेशक सुनीता जैन ने 10 जुलाई को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रहण किया।

आज नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को आधिकारिक रूप से WSIS चैंपियन प्रमाणपत्र सौंपा गया। इस अवसर पर पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, संसदीय सचिव विवेक भारद्वाज और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “मेरी पंचायत” जैसे डिजिटल माध्यम नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देते हैं और पारदर्शिता व सहभागिता को सशक्त करते हैं। यह ऐप ग्रामीण स्तर पर सूचना और ज्ञान के अंतर को पाटने में एक अहम भूमिका निभा रहा है।

मेरी पंचायत ऐप क्या है?

“मेरी पंचायत” ऐप भारत की 2.65 लाख ग्राम पंचायतों, 25 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों और लगभग 95 करोड़ ग्रामीण नागरिकों को सशक्त बनाने वाला एक डिजिटल एम-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म है। इसे पंचायती राज मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने विकसित किया है।

इस ऐप के प्रमुख फ़ीचर्स में शामिल हैं:

  • पंचायत बजट, प्राप्तियां, भुगतान और विकास योजनाओं की रियल टाइम जानकारी

  • निर्वाचित प्रतिनिधियों का विवरण और संपर्क

  • ग्राम पंचायत विकास योजनाएं (GPDP) और परियोजना निगरानी

  • ग्राम स्तर पर मौसम पूर्वानुमान

  • शिकायत निवारण और सामाजिक लेखा परीक्षा के डिजिटल उपकरण

  • 12+ भाषाओं में उपलब्ध बहुभाषी इंटरफेस

  • जियो-टैग्ड और जियो-फेंस्ड सुविधाएं

नागरिक इस ऐप के माध्यम से नई परियोजनाएं प्रस्तावित कर सकते हैं, ग्राम सभा के एजेंडे और निर्णयों तक पहुंच सकते हैं, तथा कार्य प्रगति की समीक्षा भी कर सकते हैं, जिससे ग्रामीण स्तर पर लोकतांत्रिक भागीदारी को मजबूती मिलती है।


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