घोघड़, चम्बा,07 नवम्बर : 06 व 07 नवम्बर को भरमौर दौरे पर रहीं सांसद कंगना रणौत के तेवर इस बार कुछ बदले-बदले से नजर आए। इस दौरान उन्होंने प्रसिद्ध चौरासी मंदिर प्रांगण में भगवान शिव को नुआला भी अर्पित किया। अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी वाली यह सांसद एवं अभिनेत्री इस दौरे के दौरान मौन सी नजर आईं।
लोगों के अभिवादन पर भी वे मुंह से कुछ बोले बिना हाथ जोड़कर उत्तर दे रही थीं। 06 अप्रैल सायं शिव मंदिर में हवन करके वे विश्रामगृह लौट गईं । रात को नुआले के आयोजन के समय क्षेत्र के लोगों को आशा थी कि उनकी सांसद इस दौरान मंदिर परिसर में रहेंगी तो वे उन्हें कम से कम देख तो सकेंगे परंतु लोगों को उस समय मायूस होना पड़ा जब उन्हें सूचना मिली कि कंगना रणौत निजि कारणों से रात को नुआले में शामिल नहीं होंगी। मुख्यालय व आस पास के गांवों से चौरासी मंदिर परिसर पहुंची महिलाओं व युवतियों ने इस पर खासी निराशा व्यक्त की।
चुनाव प्रचार के दौरान कुगति से होली व पूलिन से मैहला विकास खंड तक के गांवों को छानने वाली कंगना रणौत उस समय लोगों से खूब बतियाती नजर आई थीं। 07 अप्रैल की सुबह भी अपने मतदातओं से कुछ भी न बोलीं। इस दौरान उन्होंने स्थानीय प्रशासन से साथ केंद्र सरकार प्रायोजित विकास योजनाओं पर समीक्षा बैठक कर इन योजनाओं से आम लोगों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया की पड़ताल की।
प्रशासन के साथ हुई बैठक के बाद उन्होंने विश्राम गृह भरमौर में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक की जिसमें उन्होंने भाजपा द्वारा चलाए गए सदस्यता अभियान में तीव्रता लाने की अपील की। इस बैठक में भाग लेने वंचित रहे कई कार्यकर्ता बैठक के लिए निर्धारित समय से पूर्व बैठक किए जाने की शिकायत करते भी नजर आए।
कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद कंगना रणौत चौरासी प्रांगण पहुंचीं जहां उन्होंने मंदिर में माथा टेकने के उपरांत नुआले की धाम व्यवस्था की पड़ताल की। इस पूरे कार्यक्रम में सुबह करीब साढ़े 11 बजे का समय हो गया था। शिव मंदिर की सीढ़ियों पास कुछ लोगों के मांग पत्र पर स्थानीय विधायक डॉ जनक राज उनसे वार्तालाप कर रहे थे तभी वे अप्रत्याशित व्यवहार दिखाते हुए वार्तालाप बीच में ही छोड़ कर वहां चम्बा की ओर रवाना हो गईं।
कंगना रणौत के इस दौरे पर उनकी प्रतिक्रया लेने के लिए मीडिया कर्मी लगातार प्रयास करते रहे परंतु उन्होंने किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी। अपने इस दौरे के दौरान उनका व्यवहार बदला-बदला सा नजर आया । ऐसा लग रहा था कि विचारों को खुलकर व्यक्त करने वाली कंगना रणौत को मानो किसी जबरन चुप करा रखा हो।