घोघड़,नई दिल्ली 11 मई 2025 : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि “आधुनिक युद्ध पूरी तरह से प्रौद्योगिकी संचालित है और पिछले चार दिनों में भारत की तकनीकी श्रेष्ठता स्पष्ट रूप से सामने आई है।” यह समारोह अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित किया गया था, जिसमें देशभर के वैज्ञानिक, अधिकारी और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले एक दशक में स्वदेशी तकनीकों के क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है, जिससे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और ताकत दोनों में बढ़ोतरी हुई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं, ने जोर देकर कहा कि “आज रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली अधिकांश तकनीकें स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम है।”
राष्ट्रीय तकनीकी विकास की झलकियाँ:
-
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 81 से बढ़कर 39 पर पहुँची।
-
रक्षा निर्यात 2000 करोड़ से बढ़कर 16,000 करोड़ रुपये तक पहुँचा।
-
R&D बजट 60,000 करोड़ से बढ़कर 1.27 लाख करोड़ हुआ।
-
स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बना।
-
ड्रोन तकनीक अब रक्षा क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।
इस अवसर पर उन्होंने “सुपर 30 स्टार्टअप्स” का संग्रह भी जारी किया, जो पिछले पाँच वर्षों में टीडीबी द्वारा समर्थित रहे हैं। इसके साथ ही, कार्बन कैप्चर जैसे नवीन प्रोजेक्ट्स के लिए भी अनुदान वितरित किए गए।
डॉ. सिंह का बड़ा दावा: “भारत अब बाहरी ताकतों पर निर्भर नहीं है। हमारी तकनीकी प्रगति वर्ष 2047 तक विकसित भारत की दिशा में एक मजबूत प्रतिबिंब है।”
कार्यक्रम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के वरिष्ठ अधिकारी, पद्म भूषण अजय चौधरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। श्री चौधरी ने ‘संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण’ के तहत विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम करने पर बल दिया।
इस वर्ष के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की थीम “यंत्र” रखी गई है, जो उन्नत अनुसंधान और नवाचार को प्रतीक रूप में दर्शाती है।