घोघड़, चम्बा 13 नवम्बर, 2025 : बाल दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित राज्य स्तरीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन 14 नवम्बर से 16 नवम्बर, 2025 तक शिमला में किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में बाल-बालिका देखरेख संस्थान मैहला, चम्बा, साहो तथा चिल्ली चम्बा के कुल 60 बच्चे भाग लेने जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने 14 नवंबर (बाल दिवस) को अनाथ बच्चों-बाल आश्रमों में रहने वाले बच्चों के लिए विशेष खेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। आयोजन की रूपरेखा के अनुसार, यह प्रतियोगिता राज्य के विभिन्न जिलों से आने वाले अनाथ या ‘राज्य के बच्चों’ (Children of the State) श्रेणी के बच्चों को शामिल करेगी। इस खेलकूद आयोजन को राज्य सरकार की खेल व कल्याण-नीतियों से जोड़ा गया है, जिसमें स्कूल-स्तर पर खेल-प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने की योजना का हिस्सा बताया गया है।
आयोजन में विभिन्न खेलों के मुकाबले, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा पुरस्कार वितरण की व्यवस्था होगी। आश्रम-के बच्चों को भाग-दौड़, दौड़-कूद, टीम खेल आदि में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। सरकार ने इस पहल के लिए धनराशि, संसाधन तथा आयोजन-प्रबंधन सुनिश्चित करने की बात कही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ये बच्चे मुख्यधारा से पीछे न रह जाएं।
खेल-कूद के माध्यम से अनाथ बच्चों को सामाजिक संगठनों, स्कूल-समूहों व अन्य बच्चों के साथ सहभागिता का अवसर मिलता है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
चम्बा जिला के विभिन्न संस्थानों से इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जा रहे ‘राज्य के बच्चों’ (Children of the State) से पांगी-भरमौर विस के विधायक डॉ जनक राज ने मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया। विधायक जनक राज ने सभी प्रतिभागी बच्चों को प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य स्तरीय आयोजन बच्चों की प्रतिभा को निखारने और उनमें आत्मविश्वास पैदा करने का एक सशक्त माध्यम है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों के सर्वांगीण विकास (शारीरिक, मानसिक व सामाजिक) को बढ़ावा देते हैं, विशेषकर उन बच्चों के लिए जो पारिवारिक सुरक्षा-कवच से बाहर हैं।
विधायक जनक राज ने कहा कि इन पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चों में अपार प्रतिभा है, बस उन्हें सही मंच और मार्गदर्शन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज के संयुक्त प्रयासों से ये बच्चे भविष्य में प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे।
उन्होंने बाल संरक्षण विभाग तथा संबंधित संस्थानों के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
विधायक ने आशा व्यक्त की कि बाल बालिका देखरेख संस्थानों के सभी बच्चे न केवल प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करेंगे बल्कि अपनी मेहनत और लगन से दूसरों के लिए प्रेरणा बनेंगे।

