घोघड़,चम्बा, 6 सितंबर: मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे श्रद्धालुओं के लिए चलाया गया विशेष बचाव अभियान शनिवार को आधिकारिक तौर पर संपन्न हो गया। जिला प्रशासन चंबा ने जानकारी दी कि अंतिम दिन भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से 64 श्रद्धालुओं और दो शवों को भरमौर से करियां (चम्बा) पहुंचाया गया।
उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चम्बा मुकेश रेपसवाल ने बताया कि पिछले तीन दिनों में लगभग 700 श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टरों के माध्यम से सुरक्षित चंबा पहुंचाया गया। 5 सितंबर को चिनूक हेलीकॉप्टरों ने एक ही दिन में 524 यात्रियों और तीन शवों को बाहर निकाला, जबकि 6 सितंबर को एमआई-17 ने अंतिम 64 श्रद्धालुओं और दो शवों को सुरक्षित पहुंचाया।
उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा के दौरान विभिन्न कारणों से अब तक कुल 17 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है, जिसमें सड़क दुर्घटनाओं के मृतक शामिल नहीं हैं।
मुकेश रेपसवाल ने जानकारी दी कि 29 अगस्त से लगातार हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों के माध्यम से विभिन्न गंतव्यों तक नि:शुल्क परिवहन सुविधा दी गई। इस अवधि में एचआरटीसी की लगभग 195 बसों से पठानकोट, कांगड़ा, भदरवा लंगेरा, नूरपुर सहित विभिन्न स्थानों तक करीब 8500 श्रद्धालुओं को भेजा गया।
उन्होंने बताया कि चम्बा–भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-154ए) को खोलने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं। दुर्गेठी घार तक मशीनरी पहुंच चुकी है और उम्मीद है कि लगभग एक सप्ताह में सड़क बहाल कर दी जाएगी।
रेपसवाल ने कहा कि इस बचाव अभियान में प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन, भारतीय वायुसेना के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं और जिला चंबा के लोगों का भी सराहनीय योगदान रहा। अनेक संस्थाओं ने लंगर और मेडिकल कैंप लगाए, वहीं स्थानीय लोगों ने अपने घरों में श्रद्धालुओं के ठहरने और खाने-पीने की निशुल्क व्यवस्था की।
उन्होंने कहा कि यदि अब भी कोई यात्री लापता है या घर नहीं पहुंचा है, तो उनके परिजन प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 98166-98166 पर संपर्क कर सकते हैं।

