घोघड़, चम्बा, 26 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में नशे का बढ़ता प्रचलन युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के विभाग संयोजक चंबा, विवेक चाड़क ने चिंता व्यक्त की है कि प्रदेश में चिट्टे जैसे खतरनाक नशे की समस्या गंभीर होती जा रही है। अभाविप ने इस मुद्दे को पहले ही उठाया था, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस उपेक्षा के कारण आज युवा नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। प्रदेश में नशा तस्करी और युवाओं में नशाखोरी की बढ़ती प्रवृत्ति अत्यंत चिंताजनक है।
विवेक चाढ़क ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी कि पिछले 5-10 वर्षों में नशे से जुड़े मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। 2015 में 622 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 2515 हो गई। वर्ष 2023 में पुलिस ने 10.18 किलोग्राम चिट्टा, 321 किलोग्राम चरस और 648.8 किलोग्राम पोपी हस्क बरामद किए थे। 2024 में चिट्टे की बरामदगी बढ़कर 12.04 किलोग्राम हो गई है। नशे से जुड़े मामलों की संख्या और बरामदगी के आंकड़े प्रदेश में इस गंभीर समस्या की ओर इशारा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षणों के अनुसार हिमाचल में 35-36% युवा किसी न किसी रूप में नशे की लत का शिकार हैं। 2020 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 15-40 वर्ष की आयु के 39% युवा चिट्टे की लत में फंसे थे, जबकि 22.64% चरस एवं भांग और 21.36% शराब का सेवन कर रहे थे। नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के पीछे मुख्य रूप से अकेलापन, अभिभावकों की लापरवाही, नकारात्मक संगति, खेलों में रुचि की कमी और मोबाइल की लत जैसी समस्याएं जिम्मेदार हैं। युवा मानसिक तनाव से बचने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लगते हैं, जिससे वे अपराध और सामाजिक पतन के दलदल में फंस जाते हैं।
अभाविप का “अभिनिवृति” अभियान
इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए अभाविप ने “अभिनिवृति” अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत:
- प्रदेशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएंगी।
- 28 फरवरी से 5 मार्च तक एसडीएम, डीसी, एसपी, मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
- 5 मार्च से 10 मार्च तक पर्चे और पोस्टर वितरित कर जन-जागरूकता फैलाई जाएगी।
- 7 मार्च को विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जन जागरण रैलियां निकाली जाएंगी।
- 3 मार्च से 6 मार्च तक शोध संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।
- नुक्कड़ नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से नशे के विरुद्ध जन-जागरण किया जाएगा।
विवेक चाढ़क ने कहा कि प्रदेश में पुलिस द्वारा लगातार नशे के सौदागरों पर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन नशा माफिया अपनी गतिविधियों को लगातार बढ़ा रहे हैं। प्रदेश सरकार को इस मुद्दे पर कठोर कदम उठाने होंगे। बेरोजगारी, शिक्षा में कौशल की कमी और युवाओं में बढ़ते अवसाद जैसी समस्याओं को दूर किए बिना नशे की समस्या का समाधान संभव नहीं है। अभाविप मांग करती है कि सरकार नशा माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करे और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए ठोस नीतियां बनाए।