शिमला, 20 दिसंबर 2025 : पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग ने अवैध रूप से संचालित साहसिक गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी (डीटीडीओ) शिमला जगदीश शर्मा ने नारकंडा क्षेत्र के झमुण्डा और सिद्धपुर में चल रही अवैध जिप लाइन व अन्य साहसिक गतिविधियों का औचक निरीक्षण कर उन्हें तत्काल बंद करवाया।
जगदीश शर्मा ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा साहसिक गतिविधियों के संचालन के लिए निर्धारित नियमों के तहत लाइसेंस जारी किया जाता है, जो सभी सुरक्षा मानकों और तकनीकी जांच पूरी होने के बाद ही प्रदान किया जाता है। निरीक्षण के दौरान चार संचालकों को बिना वैध अनुमति गतिविधियां संचालित करते पाया गया, जिन्हें नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर सभी अवैध उपकरण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में कोटगढ़ वन विभाग को भी सूचित किया गया है कि वन भूमि पर किसी भी प्रकार के ढांचे या उपकरण लगाने की अनुमति न दी जाए।
उन्होंने कहा कि बिना विधिक अनुमति एवं पंजीकरण के जिप लाइन और अन्य साहसिक गतिविधियों का संचालन न केवल अवैध है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश विविध साहसिक गतिविधि नियम-2017 एवं संशोधित नियम-2021 का भी उल्लंघन है। ऐसी गतिविधियां पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती हैं।
पर्यटन विभाग ने स्पष्ट किया कि साहसिक गतिविधियों के लिए विधिक अनुमति, तकनीकी निरीक्षण, सुरक्षा प्रमाणन, प्रशिक्षित स्टाफ, बीमा तथा अन्य सुरक्षा मापदंडों का पालन अनिवार्य है। बिना अनुमोदन के गतिविधियों का संचालन दंडनीय अपराध है।
डीटीडीओ ने यह भी बताया कि माननीय हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश में बिना अनुमति संचालित साहसिक गतिविधियों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए तत्काल रोक लगाने और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बिना अनुमति गतिविधियां संचालित करने पर स्थल को सील करने, जुर्माना लगाने तथा कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
पर्यटन विभाग ने सभी संचालकों से अपील की है कि यदि वे साहसिक गतिविधियां संचालित करना चाहते हैं तो नियमों के अनुसार पर्यटन विभाग में पंजीकरण करवा कर ही संचालन करें, ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

