घोघड़, शिमला, 20 अगस्त : हिमाचल प्रदेश व अपने विस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के प्रयास में जुटे पांगी-भरमौर विस क्षेत्र के विधायक डॉ जनक राज ने विधानसभा में प्रदेश में बेरोजगार चिकित्सकों की संख्या और चिकित्सकों के खाली पड़े पदों को लेकर सवाल उठाया है।
इस पर सरकार ने जानकारी दी कि पिछले दो वर्षों में 2094 एमबीबीएस चिकित्सकों ने प्रदेश चिकित्सा परिषद में पंजीकरण कराया, जिनमें से 1878 चिकित्सक हिमाचल प्रदेश से संबंधित हैं। इसके अलावा 468 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी पंजीकरण करवाया, जिनमें 300 प्रदेश के हैं।
सरकार ने माना कि बेरोजगार चिकित्सकों की संख्या के सम्बंध में कोई अभिलेख न होने के कारण कोई सटीक संख्या उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में प्रदेश के छह राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों और एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रतिवर्ष लगभग 870 छात्रों को एमबीबीएस की शिक्षा दी जा रही है। पिछले दो वर्षों में लगभग 1700 छात्र पासआउट हुए हैं, जिनमें से कई डॉक्टर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (MD/MS) कर रहे हैं और कुछ निजी व केंद्रीय संस्थानों में कार्यरत हैं।
सरकार ने बताया कि जुलाई 2022 को प्रदेश में चिकित्सकों के 200 पद भरने का प्रस्ताव लोक सेवा आयोग को भेजा गया था। आयोग द्वारा इन पदों के लिए 28 जुलाई 2025 से 18 अगस्त 2025 तक साक्षात्कार की प्रक्रिया आयोजित की जा रही है। इसके परिणाम आने के बाद योग्य उम्मीदवारों को स्वास्थ्य संस्थानों में नियुक्त किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त 96 पदों (77 बैकलॉग व 19 नए पद) को भी सीधी भर्ती से भरने हेतु मांग पत्र हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जा चुका है।
विधायक डॉ. जनक राज ने भरमौर-पांगी में लंबे समय से चिकित्सकों व अन्य सहयोगी स्टाफ के रिक्त पदों को न भरे जाने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और न्यायालय ने भरमौर क्षेत्र मे रिक्त पदों के 50 प्रतिशत पदों को तुरंत भरने के आदेश जारी किए थे। उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद सरकार ने खंड चिकित्सा अधिकारी, सामान्य शल्य चिकित्सक, दंत चिकित्सक सहित दो पद नर्सों के भरमौर अस्पताल में भर दिए हैं। जबकि अभी भी कई पद रिक्त चल रहे हैं।