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घोघड़, चम्बा 18 अगस्त : मणिमहेश यात्रा इस वर्ष भी सामान्य रूप से जारी है। श्रद्धालुओं को बादलों की ठंडक के बीच यात्रा करना आसान हो रहा है। प्रशासन की पंजीकरण प्रक्रिया की स्टीक न होने के कारण अब तक कितने श्रद्धालुओं ने मणिमहेश झील में स्नान किया है इसकी स्टीक जानकारी तो नहींं मिल पाई है परंतु अनुमान है कि जन्माष्टमी पर्व पर 20 हजार श्रद्धालुओं के स्नान किया है।

मणिमहेश न्यास द्वारा श्रद्धालुओं के पंजीकरण की प्रणाली लचीली होने के कारण श्रद्धालुओं की स्टीक संख्या का पता नहीं चल पा रहा है। न्यास द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा ऑफलाईन पंजीकरण के लिए यात्रा मार्ग पर पंजीकरण केंद्र स्थापित कर रखे हैं परंतु हर मणिमहेश यात्री अपना पंजीकरण करवाए, यह आवश्यक बनाने की विधि उसके पास नहीं है। पंजीकरण केंद्र दिन में तो सक्रिय होते हैं परंतु रात के समय पंजीकरण की कोई व्यवस्था नहीं होती।

प्रशासन द्वारा केवल जन्माष्टमी से राधाष्टमी पर्व की अवधि में ही व्यवस्थाएं स्थापित की जाती हैं इसलिए वह यात्रा को जन्माष्टमी से राधाष्टमी पर्व तक ही घोषित करता है जबकि यात्रा जन्माष्टमी स्नान के लिए यात्री एक सप्ताह पूर्व निकलना आरम्भ हो जाते हैं जोकि इस यात्रा से जुड़े विभिन्न पड़ावों गुजरते हुए जन्माष्टमी पर्व पर मणिमहेश झील में स्नान करते हैं।

न्यास ने 15 अगस्त 2025 को यात्रियों के लिए ऑफलाईन पंजीकरण केंद्र स्थापित किए थे । 16 अगस्त 2025 की दोपहर तक न्यास की जानकारी अनुसार 1400 यात्रियों ने पंजीकरण करवाया था यह संख्या यात्रियों की वास्तविक भीड़ को देखते हुए कहीं भी तर्कसंगत नहीं लगती।  जबकि तब तक हजारों यात्री मणमहेश झील में स्नान करके लौट चुके थे जिनकी संख्या का कोई पता नहीं है।

खराब मौसम, रास्तों व भीड़ की समस्याओं से बचने के लिए यात्री अपने शॉर्टकट विकल्प भी अपना रहे हैं। जिसमें वे रात में यात्रा को अधिमान दे रहे हैं। फलस्वरूप जिन्हें पंजीकरण के महत्व का पता है वहीं यात्री पंजीकरण करवा रहे हैं जबकि हजारों यात्री बिना पंजीकरण के मणिमहेश झील में स्नान करके लौट चुके हैं।


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