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घोघड़, चम्बा 20 नवम्बर : जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत चोभिया की करीब 02 हजार की जनसंख्या के लिए यातायात व्यवस्था सुविधा कम और सजा अधिक लगती है। भरमौर मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर सेर-काओ गांव जोकि ग्राम पंचायत चोभिया के दो गांवों सेरी व काओ को जोड़कर बना है, तक सरकार ने सड़क का निर्माण करवा रखा है। परंतु सड़क पर टारिंग(तारकोल) न बिछाने के कारण गढ्ढों भरी यह सड़क सामान्य मौसम में धूल भरी तो वर्षा के दौरान कीचड़ से लथपथ रहती है। ऐसी स्थिति में वाहन में यात्रा करना भी बुरा अनुभव है जबकि पैदल चलना तक दूभर हो रहा है।


पंचायत निवासी तरुण नांगला, कैलाश कुमार व स्थानीय लोग बताते हैं कि थला से सेरकाओ तक के सड़क मार्ग पर टारिंग वर्क न होने के कारण इसकी हालत बेहद खराब है। लोगों ने बताया कि प्रतिदिन इस सड़क पर सैकड़ों यात्री बसों सहित दर्जनों छोटे वाहनों से यात्रा करते हैं । सड़क पर उखड़े पड़े पत्थरों व गढ्ढों से वाहन को बचते बचाते चालक भारी जोखिम लेकर यात्रियों को अपने गन्तव्य तक पहुंचा रहे हैं। इन लोगों ने कहा कि थला से धनौर गांव तक के करीब पांच किमी सड़क मार्ग पर वर्षों पूर्व एक बार टारिंग कार्य हुआ था जोकि अब उखड़ गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस सड़क मार्ग पर जल्द टारिंग कार्य किया जाए ताकि लोग सुरक्षित यात्रा कर सकें।

निजी वाहन चालक बताते हैं कि इस सड़क मार्ग पर नया वाहन भी 05 वर्ष में ही दम तोड़ देते हैं जबकि सरकार 15 वर्ष तक पंजीकरण शुल्क लेती है। वाहन चालकों का कहना है कि सरकार टैक्स तो ले रही है परंतु उसके एवज में सुविधाएं प्रदान नहीं कर पा रही है।


गौरतलब है कि थला से सेरकाओ तक का करीब 12 किमी सड़क मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क मार्ग योजना के अंतर्गत निर्मित है। जिसमें से थला से धनौर तक के सड़क मार्ग भाग में एक बार टारिंग कार्य हुआ था परंतु इससे आगे पटौड़ी, मांडो, चोभिया व सेर काओ तक के भाग पर टारिंग कार्य नहीं किया गया।
लोनिवि के कनिष्ठ अभियंता धनीराम बताते हैं कि थला-सेरकाओ सड़क मार्ग पर 06 किमी भाग पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क मार्ग
योजना चरण तीन के अंतर्गत कार्य पूरा हो चुका है। इस सड़क को पीएमजीएसवाई चरण चार में डालने की मांग की गई थी परंतु यह सड़क इस योजना के चरण चार में शामिल नहीं हो पाई है।
उन्होंने बताया कि शेष सड़क के मुरम्मत कार्य लोनिवि द्वारा लगातार किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत रिटेन वॉल, पाथहॉल आदि कार्य किए जा रहे हैं।

यहां यह जानना भी आवश्यक है कि हड़सर-भरमौर सड़क मार्ग को वाया चोभिया से भरमौर को इसी सड़क मार्ग से जोड़कर तैयार किया जा रहा है परंतु मणिमहेश यात्रा के दौरान हुई भारी वर्षा के कारण बलमुई-सेरकाओ के बीच सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। विभाग ने इस क्षतिग्रस्त भाग को पुनः बहाल करने के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया है।


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