घोघड़, भरमौर, 30 जुलाई : मणिमहेश न्यास के राजस्व में बड़ा योगदान देने वाले प्रसिद्ध भरमाणी माता मंदिर के अस्थाई दुकानों के प्लाटों से 11.58 लाख रुपये की हुई आय प्राप्त हुई है।
बर्फीले मौसम को छोड़ दें तो भरमाणी माता मंदिर में वर्ष भर श्रद्धालुओं का आवागमन जारी रहता है जबकि मणिमहेश यात्रा से पूर्व भरमाणी माता से आशीर्वाद लेने की परम्परा के कारण मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच जाती है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यहां स्थानीय लोग अस्थाई दुकानें स्थापित करते हैं। वर्षों से चली आ रही इस व्यवस्था पर मणिमहेश न्यास की नजर पड़ गई है। न्यास ने इस वर्ष भरमाणी मंदिर परिसर को अपने कब्जे में लेकर 45 अस्थाई दुकाने लगाने केलिए प्लाटों की नीलामी कर दी है। ऑनलाईन माध्यम से की गई इस नीलामी में 11.58 लाख रुपये की अधिकतम बोली लगाई गई। इससे मणिमहेश न्यास को दानपात्रों से मिलने वाली दानराशि के अतिरिक्त 11.58 लाख की आय प्राप्त हुई है।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर ने कहा कि भरमाणी मंदिर प्रांगण में अव्यवस्थित तरीके से दुकानें स्थापित की जाती थीं जिसमें कई बार विवाद की स्थिति की शिकायतें आ रही थीं। उन्होंने कहा कि यह स्टाल 15 अगस्त से 3 सितम्बर तक स्थापित करने की अनुमति होगी। इसके अलावा बोली दाता दुकानों का ढांचा व बिजली की व्यवस्था स्वयं करेंगे। मणिमहेश न्यास ने पहली बार अस्थाई दुकानों के प्लाटों की नीलामी की है।
अगर न्यास मणिमहेश मार्ग पर भी अस्थाई दुकानों के प्लाटों की नीलामी करने की पहल करता है तो न्यास की आय में भारी बढ़ौतरी हो सकती है।