घोघड़, चम्बा, 04 अगस्त : ‘नीट (NEET – National Eligibility cum Entrance Test)’ यह नाम विज्ञान(जीव विज्ञान) विषय में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए सुनहरे भविष्य की राह खोलता है। यह भारत की एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है, जो मेडिकल, डेंटल, आयुष और वेटरनरी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। यह परीक्षा न केवल छात्रों की अकादमिक योग्यता का मूल्यांकन करती है, बल्कि उनके समर्पण, धैर्य और मानसिक दृढ़ता की भी परीक्षा होती है।
नीट परीक्षा का उद्देश्य देश भर में चिकित्सा शिक्षा के लिए एक समान, पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। यह छात्रों को उनके मेहनत के बल पर अवसर प्रदान करती है, चाहे वे किसी भी क्षेत्र या पृष्ठभूमि से आते हों। इस परीक्षा के माध्यम से लाखों युवा अपने चिकित्सकीय सपनों को साकार करने की दिशा में पहला मजबूत कदम उठाते हैं। नीट न केवल एक परीक्षा है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी की ओर बढ़ने का आरंभिक द्वार है, जहाँ भविष्य के डॉक्टर मानव सेवा के संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं।
जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ईवा ठाकुर ने इस मुश्किल परीक्षा को उत्तीर्ण कर अब डॉक्टर बनने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। ईवा ठाकुर ने 99 परसेंटाईल से अधिक रैंक प्राप्त कर यह सीट हासिल की है। ईवा ठाकुर की प्राथमिक शिक्षा भरमौर के एक निजी विद्यालय से हुई है जबकि छठी से बाहरवीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय चम्बा से पूरी की है। ग्राम पंचायत चोबिया ईवा ठाकुर के पिता पवन कुमार व माता रंजना ठाकुर ने बताया कि ईवा आरम्भ से ही पढ़ाई के प्रति समर्पित रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के मार्गदर्शन से वह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में सफल हो रही है। ईवा की इस उपलब्धि पर क्षेत्र के लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
NEET 2025 का परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद आज चयनित अभ्यर्थियों को कॉलेज जारी कर दिए गए । ईवा ठाकुर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से अपनी मेडिकल की पढ़ाई करेंगी।
नीट परीक्षा के लिए लगभग 22,76,609 उम्मीद्वारों ने ने पंजीकरण करवाया था जिसमें से 22,09,318 उम्मीदवार ने परीक्षा दी थी। लगभग 12,36,531 उम्मीदवार (करीब 56%) ने NEET 2025 क्वॉलिफाई किया है।
गौरतलब है कि देश में एमबीबीएस सीटों की संख्या सरकारी और निजी मिलाकर लगभग 1,16,062 है जिन्हें NEET UG 2025 के माध्यम से भरा जाएगा । 12.36 लाख उम्मीदवार NEET पास करते हैं, लेकिन एमबीबीएस सीटों की कुल संख्या केवल ~1.16 लाख है, इसलिए लगभग 11 लाख पास उम्मीदवारों को सीट नहीं मिल पाती है।
हिमाचल प्रदेश में कुल 870 एमबीबीएस सीटें हैं जिनमें से 720 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों में,108 सीटें All India Quota, 592 सीटें State Quota (85%), 20 सीटें NRI Quota की हैं।