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घोघड़, शिमला, 18 नवम्बर 2025 : जिला स्तरीय राजस्व मामलों की समीक्षा बैठक में उपायुक्त अनुपम कश्यप ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि ड्यूटी समय में किसी भी एसडीएम द्वारा निजी कार्यक्रमों में शिरकत नहीं की जाएगी। यदि किसी विशेष परिस्थिति में कार्यक्रम में जाना आवश्यक हो, तो उससे पहले उपायुक्त कार्यालय से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि दूरदराज क्षेत्रों से समस्याएँ लेकर आने वाले लोगों को कार्यालय में अधिकारी उपलब्ध न मिलना असुविधाजनक होता है, इसलिए सभी अधिकारी और कर्मचारी सुबह 10 बजे से पूर्व कार्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करें।

बैठक में एफआरए कमेटियों की स्थिति, उनके कार्य और प्रस्तावों की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि जहाँ भी कमेटियाँ नहीं बनी हैं, उन्हें जल्द से जल्द गठित किया जाए और दो दिनों के भीतर एफआरए से संबंधित किसी भी शंका की जानकारी उपायुक्त कार्यालय को भेजी जाए।

स्कूलों और कॉलेजों में स्टाफ के व्यवहार को लेकर भी उपायुक्त ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ मारपीट या किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार के मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और हर शैक्षणिक संस्थान में POCSO नियमों के तहत अनिवार्य रूप से कमेटियाँ गठित की जाएँ। हाल ही में स्कूलों में सामने आए कुछ घटनाक्रमों को चिंताजनक बताते हुए उन्होंने एसडीएम को सख्त कार्रवाई निर्देशित किए।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि अधिकारियों को रूटीन कार्यों से आगे बढ़कर नवाचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, नशा-निवारण, मॉडल गांव और पंचायती राज से जुड़े क्षेत्रों में विशेष प्रयास करने होंगे, ताकि जिला शिमला की गुड गवर्नेंस रैंकिंग में सुधार लाया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि गोद लिए गए स्कूलों की विजिट रिपोर्ट भी समय पर भेजी जाए।

बैठक में यह भी बताया गया कि जिले में जमाबंदी के कुल 1135 मामलों में से 715 मामलों का निपटारा किया जा चुका है, जबकि 420 मामले अभी लंबित हैं। विभिन्न उपमंडलों में राजस्व अपीलों की स्थिति की समीक्षा में पाया गया कि रामपुर को छोड़कर अन्य उपमंडलों में निपटारे की गति बेहतर रही है। शिमला शहरी क्षेत्र में पिछले दो वर्षों से 20 मामले लंबित हैं, जबकि शिमला ग्रामीण में 33 मामले अभी भी पेंडिंग हैं। पीपी और रेंट रिकवरी एक्ट के तहत भी कई मामले दो वर्षों से इंतजार में हैं।

निशानदेही मामलों की स्थिति पर भी विस्तृत चर्चा हुई। शिमला ग्रामीण तहसील के अंतर्गत 72 तथा नायब तहसीलदार शिमला ग्रामीण के पास 10 मामले दो वर्षों से लंबित हैं, वहीं कोटखाई, नेरवा, तकलेच, जुब्बल और अन्य क्षेत्रों में भी कई पुराने मामलों का निपटारा अभी होना बाकी है।

अवैध खनन पर सख्ती दिखाते हुए उपायुक्त ने कहा कि एसडीएम नियमित रूप से क्रशर यूनिट्स का औचक निरीक्षण करें और खनन से जुड़े किसी भी अवैध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें। ब्लास्टिंग के लिए उपयोग होने वाले रसायनों की भी समय-समय पर जांच की जाएगी और किसी भी ब्लास्टिंग गतिविधि से पहले प्रशासनिक अनुमति लेना अनिवार्य रहेगा।

चिट्टा विरोधी अभियान के तहत उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी उपमंडलों में अगले पांच दिनों के भीतर 30–45 मिनट की अवेयरनेस रैली आयोजित की जाए, जिसमें आमजन सहित हर हितधारक की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त दिव्यांशु सिंघल, एडीएम प्रोटोकॉल ज्योति राणा, एडीएम कानून एवं व्यवस्था पंकज शर्मा, एसी टू डीसी देवी चंद ठाकुर, एसडीएम रामपुर हर्ष अमरेंद्र नेगी, एसडीएम ठियोग डॉ. शंशाक गुप्ता, एसडीएम रोहड़ू धर्मेश, एसडीएम सुन्नी राजेश वर्मा, एसडीएम कुमारसैन मुकेश शर्मा, एसडीएम शहरी ओशिन शर्मा सहित राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


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