घोघड़, चम्बा, 14 फरवरी : पंचायत स्तर पर विकास कार्यों की सुचारू रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए खंड विकास अधिकारी, भरमौर द्वारा इस विकास खंड के सभी पंचायत प्रधानों को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए हैं। इस संबंध में सभी पंचायत प्रधानों और तकनीकी सहायकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे विकास कार्यों करवाने के लिए किसी विकास कमेटी,युवा मंडल व महिला मंडल को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न करें।
खंड विकास अधिकारी भरमौर रमनवीर चौहान कहा कि इस संबंध में अतिरिक्त उपायुक्त, जिला चम्बा के कार्यालय से 22 अक्तूबर 2024 को निर्देश प्राप्त हुए थे। इन निर्देशों के आधार पर पंचायत स्तर पर विकास कमेटियों, युवा मंडल, महिला मंडल और अन्य पंजीकृत संस्थाओं को किसी भी प्रकार के विकास कार्यों के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी न करने को कहा गया है।
खंड विकास अधिकारी भरमौर रमनवीर चौहान ने इस निर्णय के पीछे के कारण के बारे कहा कि कमेटियों द्वारा कई वर्षों से कार्य अधर में लटकाए जा रहे हैं वहीं कई कमेटियों के कार्यों की गुणवत्ता खामियां सामने आ रही हैं। भविष्य में विकास कार्यों की गुणवत्ता बनी रहे व वे समय पर हों इसलिए पंचायत प्रधानों से अपील की गई है कि वे किसी कमेटी को विकास कार्यों के लिए अनापत्ति प्रमाण जारी न करें। इसके बावजूद अगर कोई प्रधान अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर देता है तो उस प्रमाण पत्र की व्यवहारिकता व सम्बंधित पंचायत के विकास कार्यों की स्थिति की जांच की जाएगी।
कड़े निर्देश :-
1. समस्त पंचायत सचिवों को अनुपालनार्थ व इस आश्य सहित कि उपरोक्त वर्णित संस्थाओं को पंचायत से अनापति प्रमाण पत्र जारी न करें , यदि किसी पंचायत सचिव द्वारा अनापति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है तो उसके लिए व स्वंय उतरदायी होगा ।
2. समस्त कनिष्ठ अभियंता विकास खण्ड भरमौर को इस आशय़ सहित कि किसी भी कमेटी व अन्य संस्था से अनुबंध करने से पहले अधोहस्ताक्षरी को सूचित करें ।
साईड इफैक्ट :-
खंड विकास विभाग के इन निर्देशों के बाद विकास कार्य करवाने की जिम्मेदारी अब सीधे पंचायत प्रतिनिधियों पर आ जाएगी। हालांकि पंचायतों की कार्यप्रणाली भी संतोषजनक नहीं हैं, चम्बा जिला की सनवाल नामक ग्राम पंचायत में एक खच्चर के माध्यम से ढुलाई पर 1.5 करोड़ रुपए खर्च किए जाने के आरोप लगने के बाद ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है। सरकार अगर जांच के दायरा बढ़ाए तो कई ग्राम पंचायतें ऐसे गड़बड़झाले की जद में दिख सकती हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन को अपना निर्देशों पर दुबारा विचार करना चाहिए अन्यथा क्षेत्र के विकास कार्य ठप्प पड़ जाएंगे।