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घोघड़, चम्बा, 13 मार्च : उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत जिले की सभी ग्राम पंचायतों में डिजिटल-पेपरलेस सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को 31 मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह सर्वेक्षण विभागीय सर्वेयर द्वारा किया जा रहा है, साथ ही लाभार्थी परिवार आवास प्लस मोबाइल ऐप के माध्यम से स्वयं भी अपनी जानकारी दर्ज कर सकते हैं।

उपायुक्त ने यह जानकारी बचत भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, और डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जिलेवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। साथ ही, प्रेस प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इन योजनाओं की जानकारी को व्यापक स्तर पर प्रचारित करें ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।

वर्ष 2029 तक पक्के मकानों का लक्ष्य

जिला विकास अधिकारी ओमप्रकाश ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत वर्ष 2029 तक सभी बेघर और जर्जर मकानों में रहने वाले परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक जिले की सभी ग्राम पंचायतों में डिजिटल-पेपरलेस सर्वेक्षण के माध्यम से 19,081 पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार कर केंद्रीय सर्वर पर अपलोड की जा चुकी है।

इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना का लाभ

ज़िला कार्यक्रम अधिकारी (बाल विकास) कमल किशोर शर्मा ने बताया कि इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत विधवा, तलाकशुदा, निराश्रित महिलाओं और दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत:

  • 18 वर्ष तक के बच्चों को ₹1000 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाती है।
  • 18-27 वर्ष के विद्यार्थियों को हिमाचल प्रदेश के सरकारी संस्थानों में निःशुल्क शिक्षा और हॉस्टल-पीजी के लिए ₹3000 प्रति माह तक की सहायता दी जाती है।
  • योजना के तहत वार्षिक आय सीमा ₹1 लाख निर्धारित की गई है।
    अब तक जिले में 1043 पात्र लाभार्थियों को इस योजना का लाभ दिया गया है, जबकि 643 आवेदन प्रक्रिया में हैं।

एक प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा शिक्षा ऋण

उपनिदेशक उच्च शिक्षा भाग सिंह ठाकुर ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत चार लाख रुपये वार्षिक आय तक के परिवारों के विद्यार्थियों को मात्र 1% ब्याज दर पर ₹20 लाख तक का शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

  • यह ऋण मेडिकल, इंजीनियरिंग, नर्सिंग, डिप्लोमा, पीएचडी और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए मान्य है।
  • छात्र इस ऋण का उपयोग ट्यूशन फीस, किताबें, आवास और अन्य शिक्षा संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।
  • इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है

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