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घोघड़, शिमला, 8 अक्तूबर 2025 : हिमाचल प्रदेश राजस्व विभाग के अधीन आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ एवं हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) द्वारा आज राज्य स्तरीय “सुरक्षित भवन निर्माण मॉडल प्रतियोगिता” का सफल आयोजन सेंटर फॉर साइंस लर्निंग एंड क्रिएटिविटी (सीएसएलसी), आनंदपुर – शिमला में किया गया।

यह प्रतियोगिता राज्यव्यापी “समर्थ–2025” आपदा जागरूकता अभियान का एक प्रमुख हिस्सा है, जो पूरे प्रदेश में 1 से 31 अक्तूबर तक मनाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य आपदा जोख़िम न्यूनीकरण, सामुदायिक तत्परता और सुरक्षित निर्माण पद्धतियों के प्रति आमजन में जागरूकता बढ़ाना है।

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी जिलों के विजेता छात्र दलों ने भाग लिया, जिन्होंने भूकंप-रोधी और आपदा-प्रतिरोधी निर्माण तकनीकों पर आधारित अपने अभिनव व तकनीकी रूप से सटीक मॉडल प्रदर्शित किए। प्रतियोगिता तीन स्तरों — खंड, जिला और राज्य स्तर — पर तथा तीन वर्गों — हाई स्कूल, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय और कॉलेज श्रेणी — में आयोजित की गई थी।

प्रतिभागियों का मूल्यांकन संरचनात्मक सुरक्षा, डिज़ाइन नवाचार, तकनीकी सटीकता, स्थानीय परिस्थितियों से प्रासंगिकता, पर्यावरणीय अनुकूलता, अवधारणा की स्पष्टता, व्यावहारिकता तथा समग्र प्रस्तुति जैसे मानकों पर किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों व युवा अभियंताओं को हिमालयी क्षेत्र की भूकंपीय और जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप सुरक्षित निर्माण प्रथाओं को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करना है। एचपीएसडीएमए के इस प्रयास के माध्यम से प्रदेश में आपदा-सहिष्णु अधोसंरचना और सुरक्षा-संस्कृति को सशक्त करने का संदेश दिया गया।

चम्बा जिले से तीन टीमें इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित हुईं थी जिनमें वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (रावमापा) भरमौर की टीम  प्रतिभागी स्नेहिल ठाकुर व शुभम, उच्च विद्यालय श्रेणी में राजकीय उच्च विद्यालय चम्बा और महाविद्यालय श्रेणी में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चम्बा जिला की ओर से प्रतिनिधित्व किया।

चम्बा जिला की ओर से सुरक्षित भवन निर्माण विषय पर प्रस्तुत अपने मॉडल पर तकनीकी जानकारी देकर GSSS भरमौर के प्रतिभागी स्नेहिल ठाकुर ने विशेषज्ञों को प्रभावित किया। स्नेहिल ठाकुर ने कहा कि भवनों की क्षति के लिए भूकम्प बड़ा जोखिम है जिसका पूर्वानुमान तो नहीं लगाया जा सकता परंतु कुछ तकनीकों का उपयोग करके भूकम्प का कुछ सैकंड पूर्व पता करके इसके द्वारा सम्भावित जनहानि को टाला जा सकता है। स्नेहिल ठाकुर ने विशेषज्ञों द्वारा मॉडल में अपनाई गई तकनीकों को व्यवहारिक रूप में उपयोग किए जाने के प्रश्नों के खुलकर उत्तर दिए।

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के शीर्ष तीन विजेता मॉडल आगामी 14 अक्तूबर 2025 को शिमला में आयोजित होने वाले “अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस (IDDRR)” के राज्य स्तरीय समारोह में प्रस्तुत किए जाएंगे।


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