घोघड़, नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025 : भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने और मतदान केंद्रों पर छद्म पहचान को रोकने के उद्देश्य से नए निर्देश जारी किए हैं। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के तहत आयोग को यह अधिकार प्राप्त है कि वह मतदाताओं को पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) प्रदान करे।
आयोग के अनुसार, बिहार और आठ विधानसभा उपचुनाव क्षेत्रों में लगभग सभी मतदाताओं को ईपीआईसी जारी किए जा चुके हैं। साथ ही, सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर नए पंजीकृत मतदाताओं को उनके पहचान पत्र वितरित किए जाएं।
उन मतदाताओं की सुविधा के लिए, जिनके नाम मतदाता सूची में हैं लेकिन किसी कारणवश वे अपना ईपीआईसी प्रस्तुत नहीं कर सकते, निर्वाचन आयोग ने 7 अक्टूबर 2025 को अधिसूचना जारी कर 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों को भी मान्य घोषित किया है। ये हैं –
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आधार कार्ड
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मनरेगा जॉब कार्ड
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बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक
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श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड / आयुष्मान भारत कार्ड
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ड्राइविंग लाइसेंस
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पैन कार्ड
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एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
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भारतीय पासपोर्ट
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फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज़
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केंद्र/राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी सेवा पहचान पत्र
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सांसद, विधायक या एमएलसी को जारी आधिकारिक पहचान पत्र
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी यूडीआईडी (दिव्यांग पहचान) कार्ड
निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मतदान के दिन मत डालने के लिए मतदाता सूची में नाम होना अनिवार्य शर्त है।
इसके अलावा, पर्दानशीन महिलाओं की गरिमापूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु मतदान केंद्रों पर महिला मतदान अधिकारियों और परिचारकों की मौजूदगी में उनकी पहचान की विशेष व्यवस्था की जाएगी, जिससे उनकी निजता और सम्मान की पूर्ण सुरक्षा बनी रहे।
