इस यूनिटी मार्च का शुभारम्भ 21 नवंबर को दिल्ली स्थित डीएमसी कन्वेंशन सेंटर से हुई, जहाँ केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा तथा केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने हरी झंडी दिखाकर किया था। यह यात्रा राजस्थान के अलवर, कोटा, उदयपुर, सांवरिया और गुजरात के अहमदाबाद, आणंद होते हुए मंगलवार को नर्मदा तट स्थित केवड़िया पहुँची। यहाँ प्रतिभागियों ने विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अवलोकन किया। यह यात्रा 28 नवंबर को केवड़िया में ही सम्पन्न होगी।
यात्रा में चम्बा का प्रतिनिधित्व कर रहे रवि भारद्वाज ने कहा कि यूनिटी मार्च केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सुदृढ़ करने का व्यापक अभियान है। उन्होंने कहा “सरदार वल्लभभाई पटेल ने 562 रियासतों का एकीकरण कर आधुनिक भारत की नींव रखी। उनके आदर्शों और त्याग को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए ऐसी यात्राएं अत्यंत आवश्यक हैं। युवा जितना जागरूक होगा, राष्ट्र उतना ही मजबूत बनेगा।”
रवि ने कहा कि सरदार पटेल की प्रतिमा के समक्ष खड़े होकर उनके संघर्ष और दूरदर्शिता की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि वे और चंबा के अन्य युवा इस संदेश को अपने क्षेत्र तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यूनिटी मार्च का उद्देश्य ‘एक भारत–श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को मजबूत बनाना और भारत निर्माता सरदार पटेल के राष्ट्रहित से जुड़े कार्यों को जन-जन तक पहुँचाना है। यात्रा में शामिल युवाओं का कहना है कि इस प्रकार के आयोजन से युवाओं में राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और सामाजिक समरसता की नई भावना पैदा होती है।
देशभर से आए प्रतिभागियों ने बताया कि इस यात्रा ने उन्हें राष्ट्रीय एकता एवं सांस्कृतिक विविधता को समझने का अवसर प्रदान किया है।

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