Ghoghad.com

घोघड़ न्यूज चम्बा 15 सितम्बर : लोगों को भारी मुसीबत में जानकर भी सरकार व प्रशासन का ह्रदय जाने क्यो पसीजता क्यों नहीं है। वर्षों से मणिमहेश यात्र जारी है परंतु यात्रियों को सिर छिपाने के लिए आज तक व्यस्था नहीं कर पाए हैं। भरमौर मुख्यालय में व आस पास बने कुछ सराय भवनों में मणिमहेश यात्रा के दौरान ड्यूटी पर तैनात किए जाने वाले पुलिस व अन्य विभागों के कर्मचारियों को ठहराया जाता है श्रद्धालुओं को ठहराने के लिए स्कूल भवनों के अलावा कोई स्थान नहीं बचता।

मणिमहेश यात्रियों के लिए आज 15 सितम्बर का दिन बेहद परेशानियों वाला रहा । बीती रात खुले आसमान के नीचे सोये श्रद्धालुओं को रात करीब 03 बजे भारी वर्षा के काऱण आश्रय के लिए भटकना पड़ा। इस दौरान उनके पास सीमित वस्त्र भी भीग गए। दोपहर बाद एक बार फिर से वर्षा होने पर मणिमहेश यात्रियों फिर से वैसी ही परिस्थिति का सामना करना पड़ा। यात्री छाते, बरसाती व अन्य कामचलाऊ संसाधनों की ओट में स्वयं को भीगने बचाते हुए आश्रय की तलाश में भटकते दिखे।

गौरतलब है सुबह से ही मौसम खराब होने के कारण गौरीकुंड के लिए मात्र 13 हैलीकॉप्टर उड़ाने हो पाईं । जिस कारण कई श्रद्धालुओं को भरमौर मुख्यालय में रुकना पड़ा तो जो श्रद्धालु पैदल मार्ग से मणिमहेश के लिए रवाना हुए उनमें से कइयों को हड़सर में रोक लिया गया।

यहां यह बताना भी आवश्यक है कि मणिमहेश यात्रियों के रात्री ठहराव के लिए मणिमहेश न्यास के पास पर्याप्त संसाधन न होने के कारण यात्रियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। सम्पन्न यात्री तो होटल या मूल्य पर उपलब्ध अन्य साधनों का उपयोग कर स्वयं को सुरक्षित कर लेते हैं लेकिन सामान्य यात्रियों सराय तक में स्थान नहीं मिलता । श्रद्धालुओं ने भरमौर प्रशासन व प्रदेश सरकार से मांग की है कि मणिमहेस यात्रियों के रात्रि ठहराव के लिए उचित व्यवस्था की जाए।


Ghoghad.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page