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घोघड़, ऊना, 20 दिसम्बर : कृषि क्षेत्र को आधुनिक, पारदर्शी और किसान-हितैषी बनाने की दिशा में जिला ऊना में डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन (एग्रीस्टैक) को लागू किया जा रहा है। इस मिशन के अंतर्गत किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से किसान रजिस्ट्री तैयार की जाएगी तथा डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा।

उप निदेशक कृषि ऊना कुलभूषण धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान रजिस्ट्री के तहत प्रत्येक पंजीकृत किसान की एक विशिष्ट (यूनिक) किसान आईडी बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों का पंजीकरण इस प्रक्रिया में प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है, जिससे योजना का लाभ सही पात्र किसानों तक समय पर पहुंच सके।

उन्होंने बताया कि किसान रजिस्ट्री का कार्य राज्य सरकार द्वारा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से किया जा रहा है। किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या लोक मित्र केंद्र पर जाकर निःशुल्क पंजीकरण करवा सकते हैं। पंजीकरण के बाद किसान की पहचान, भूमि विवरण और अन्य आवश्यक सूचनाएं डिजिटल रूप में सुरक्षित की जाएंगी।

कुलभूषण धीमान ने बताया कि डिजिटल फसल सर्वेक्षण के अंतर्गत जिले के प्रत्येक खसरा या प्लॉट में बोई गई फसल का विवरण मोबाइल इंटरफेस के माध्यम से दर्ज किया जाएगा। इससे फसलों का वास्तविक और सटीक डेटा सीधे खेत से रियल-टाइम में उपलब्ध हो सकेगा। वर्तमान में यह सर्वेक्षण रबी फसल सीजन के दौरान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से न केवल किसानों को योजनाओं का लाभ आसानी से मिलेगा, बल्कि भविष्य में फसल बीमा, मुआवजा, सब्सिडी और अन्य कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन में भी पारदर्शिता आएगी। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे किसान आईडी बनवाने के लिए समय रहते पंजीकरण करवाएं, ताकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ निर्बाध रूप से मिलता रहे।

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