घोघड़,चम्बा, 4 दिसम्बर : मंगलवार को चम्बा जिला मुख्यालय में धरती माता बचाओ निगरानी समितियों के गठन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप ग्राम पंचायत, उपमंडल और जिला स्तर पर समितियां स्थापित करने की प्रक्रिया, उनकी संरचना और जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
उपायुक्त चम्बा मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उपायुक्त ने बताया कि समितियों का मुख्य उद्देश्य खाद की बिक्री एवं वितरण पर निगरानी रखना, किसी भी संदिग्ध या अत्यधिक आपूर्ति की जानकारी तुरंत अधिकारियों तक पहुंचाना और अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों में अवैध तस्करी को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाना है। साथ ही किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर रासायनिक उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। नकली या मिलावटी खाद की पहचान कर उसकी सूचना भी संबंधित स्तर पर दी जाएगी।
ग्राम स्तरीय समिति में ग्राम प्रधान अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे, जबकि ग्राम पंचायत सचिव, कृषि सखी, ड्रोन दीदी, प्रगतिशील किसान, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां/किसान उत्पादक संगठन तथा कृषि विभाग का एक अधिकारी सदस्य होंगे। यह समिति रबी और खरीफ के मौसम से पहले ग्राम स्तर पर मासिक बैठकें आयोजित करेगी, जिनमें किसानों को पोषक तत्व आधारित उर्वरकों के उचित और वैज्ञानिक उपयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी।
जिला प्रशासन ऐसे लगभग 100 गांवों की पहचान करेगा जहाँ रासायनिक खाद का उपयोग अधिक है। इन क्षेत्रों में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करेंगे। समितियां प्रत्येक मौसम में कम से कम दो बार बैठक करेंगी और खाद की खपत, बिक्री के आंकड़ों तथा किसी भी असामान्य गतिविधि का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करेंगी।
उपमंडल और जिला स्तर पर भी इसी ढांचे के अनुसार समितियां गठित की जाएंगी। उपायुक्त ने सम्बन्धित विभागों को सभी आवश्यक प्रक्रियाएं 15 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मैहरा, कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. भूपिंदर सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धर्मेंद्र कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

