घोघड़, चम्बा, 28 नवम्बर : आज दोपहर बाद करीब दो बजे ग्राम पंचायत खणी के इसी गांव के पास सटे खेतों में भालू ने गांव की महिला पर हमला कर दिया। महिला की चीख सुनकर लोग उस और दौड़े तो भालू महिला को घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया। लोगों के बढ़ते शोर से भालू महिला को वहीं छोड़ कर भाग गया। लोग जब मौके पर पहुंचे तो महिला वहां अचेत पड़ी थी। लोगों ने महिला को उठाकर नागरिक अस्पताल भरमौर पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि सत्या देवी (56) पत्नी मेघ राज निवासी गांव खणी, तहसील भरमौर, जिला चम्बा दोपहर बाद करीब दो बजे गांव की अन्य महिलाओं के साथ खेतों चरने छोड़े पशुओं को देखने निकली थी। सत्या देवी खेतों में कुछ आगे तक बढ़ गई। इतने में भालू ने उस पर हमला कर नोचने लगा। लोगों के शोर मचाने पर वह घायल सत्या देवी को खेतों से नीचे घसीटते हुए ले गया।
शिवभूमि सेवादल के प्रधान बली राम ने कहा कि खणी पंचायत में भालू द्वारा इनसान पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। ग्राम पंचायत खणी, गरीमा, सियूंर, घरेड़ इत्यादि में हर वर्ष ऐसी घटनाएं घटती हैं। जिसमें कई बार लोगों को जान गंवानी पड़ी है तो कई गम्भीर रूप से घायल भी हुए हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग को चाहिए कि वे भालुओं को रिहायशी क्षेत्र से दूर रखने का प्रबंध करता ताकि मानव व भालू के बीच यह संघर्ष न हो।
उन्होंने कहा कि भालुओं के हमलों के दौरान वन विभाग का कोई कर्मी मौके पर पहुंच कर प्रभावित व्यक्ति व परिवार की सहायता के लिए नहीं पहुंचता जिससे पीड़ित व्यक्ति व परिवार को समय पर न तो उपचार व नहीं ही फौरी राहत प्रदान की जाती है। इस मामले में भी भालू की शिकार हुई सत्या देवी की मदद के लिए वन विभाग की ओर से कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा था। बली राम ने कहा कि मानवीय संवेदना दर्शाते हुए विभाग द्वार अपनी टीम को तुरंत मौके पर भेजा जाना चाहिए था।
उधर इस बारे में वन मंडल अधिकारी भरमौर नवन नाथ माने ने कहा कि दुर्घटना में मृतक के परिवार को वन विभाग द्वारा 04 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान किए जाने का प्रावधान है वहीं विभाग द्वारा 25 प्रतिशत राशि फौरी राहत के रूप में प्रदान की जा रही है।
भालू व इनसान की इन झड़पों को रोकने के प्रश्न पर वन मंडल अधिकारी ने कहा कि जो क्षेत्र भालुओं की गतिविधियों को लेकर अधिक संवेदनशील हैं वहां वन विभाग की टीमें लोगों को भालुओं के व्यवहार, उनसे सतर्क रहने, हमले के दौरान बचाव के तरीके बताएंगी ताकि लोगों को भालुओं के नुकसान से बचाया जा सके।

