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घोघड़, शिमला/चंबा/मंडी, 20 नवम्बर : राज्य निर्वाचन आयोग हिमाचल प्रदेश ने 23 अक्टूबर 2025 को जारी निलंबन आदेशों को वापस लेते हुए विकासखंड भरमौर और विकासखंड निहरी के कुल 9 पंचायत अधिकारियों व कर्मचारियों को सेवा में बहाल कर दिया है। आयोग ने इन अधिकारियों को चुनाव संबंधी कार्यों में लापरवाही बरतने पर कड़ी चेतावनी (reprimand) भी जारी की है।

आयोग द्वारा प्राप्त जांच रिपोर्टों में पाया गया कि संबंधित अधिकारियों ने चुनावी दायित्वों के निर्वहन में “बहुत ही सामान्य व लापरवाह रवैया” अपनाया था। हालांकि, आयोग ने यह मानते हुए कि गलती सुधार ली गई है और अधिकारी पश्चाताप व्यक्त कर चुके हैं, निलंबन जारी रखने को आवश्यक नहीं समझा।

आयोग ने निर्देश दिया है कि निलंबन अवधि को कर्तव्य अवधि (duty period) मानकर नियमानुसार समायोजित किया जाए।

निलंबन से मुक्त किए गए अधिकारियों की सूची

क्रम अधिकारी का नाम पद तैनाती/कार्यालय
1 बलविंदर सिंह सब-पंचायत इंस्पेक्टर विकासखंड भरमौर
2 नीना देवी पंचायत सचिव ग्राम पंचायत औरा, भरमौर
3 गौरव कुमार पंचायत सचिव ग्राम पंचायत बजोल, भरमौर
4 राकेश कुमार पंचायत सचिव ग्राम पंचायत होली, भरमौर
5 आशीष कुमार पंचायत इंस्पेक्टर विकासखंड निहरी
6 टेक चंद पंचायत सचिव ग्राम पंचायत झुंगी, निहरी
7 ठाकुर दास पंचायत सचिव ग्राम पंचायत बेहली (ड्रमटा), निहरी
8 इंदर सिंह पंचायत सचिव ग्राम पंचायत बोई, निहरी
9 पवन कुमार पंचायत सचिव ग्राम पंचायत शेगल, निहरी

आयोग के मुख्य निर्देश

  • निलंबन अवधि को सेवा अवधि के रूप में माना जाएगा।

  • सभी अधिकारियों को अपने मूल स्थानों पर कार्यभार संभालने के आदेश।

  • भविष्य में चुनावी कार्यों में सतर्कता और गंभीरता बरतने की कड़ी चेतावनी

यह आदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल कुमार खाची द्वारा जारी किया गया है।

पंचायत अधिकारियों के निलंबन का यह था मामला –

राज्य निर्वाचन आयोग हिमाचल प्रदेश ने 23 अक्टूबर 2025 को विकासखंड भरमौर और निहरी के 9 पंचायत अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया था। आयोग की जांच में पाया गया कि इन अधिकारियों ने ग्राम सभाओं में ड्राफ्ट मतदाता सूची (20–26 सितंबर 2025) समय पर प्रस्तुत नहीं की। इसे चुनावी दायित्वों में गंभीर लापरवाही माना गया।

इस कारण एक सब-पंचायत इंस्पेक्टर, एक पंचायत सचिव, तथा सात अन्य पंचायत सचिवों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया गया। साथ ही दो ब्लॉक विकास अधिकारियों (BDO) को भी कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था।


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