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घोघड़, चम्बा 21 अगस्त : मणिमहेश यात्रा 2025 के दौरान मणिमहेश यात्रियों को मौसम की चुनौतियों से नहीं अपितु भिखारियों के इमोशनल अत्याचार का सामना कर अपनी नकदी गंवानी पड़ रही है। भिखारी श्रद्धालुओं से पैसे एंठने के लिए सार्वजनिक व धार्मिक स्थलों पर तरह-तरह की बातें बना कर भावनात्मक व आर्थिक रूप से शोषण कर रहे हैं। अगर कोई श्रद्धालु इन्हें पैसे देने की स्थिति में न हो तो उन्हें वे सार्वजनिक स्थल पर ही शर्मिंदा करने से भी नहीं चूक रहे।

गत दिवस ही एक भिखारी ने श्रद्धालु से भीख मांगी तो श्रद्धालु ने भिखारी से पैसे न होने की बात कही तो भिखारी ने उसे अपने साथ चल कर भीख मांगने की नसीहत दे डाली। 

यह भिखारी स्कूल व कॉलेज के बच्चों तक से भीख मांगते दिख रहे हैं। लोगों की भीड़ में यह श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को शर्मिंदा कर भीख देने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इनमें कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जो चांदी के आभूषण पहने हैं परंतु भीख मांग रही हैं, वहीं कुछ साधु के वेश में दुकानों में घूम-घूम कर भीख मांग रहे हैं।

भरमाणी माता मंदिर, चौरासी मंदिर परिसर हो या हडसर-मणिमहेश यात्रा मार्ग यह भिखारी हर स्थान पर डेरा जमाए श्रद्धालुओं को परेशान कर रहे हैं। जबकि प्रशासन इन्हें यहां से हटाने के लिए कोई प्रयास करता नहीं दिख रहा।

स्थानीय लोगों  का कहना है कि इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए।  ने प्रशासन से मांग की है कि इन भिखारियों को मणिमहेश यात्रा मार्ग व इसके पड़ावों से से हटाया जाए ताकि श्रद्धालु सम्मान पूर्वक अपनी यात्रा कर सकें। अगर ऐसा नहीं होता तो यात्रा के दौरान चोरी व जेब कटने की घटनाएं भी घट सकती हैं।

लोगों का कहना है कि यात्री अगर दान देना चाहते हों तो मणिमहेश न्यास के दान पात्रों में इस दे सकें।

गौरतलब है कि भरमौर क्षेत्र के लोगं को भिखारियों का सामना करने की आदत नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र में सामान्य समय में कोई भीख नहीं मांगता है । लोग भिखारियों को देखकर असहज व शर्मिंदगी महसूस करते हैं।

 

 


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