घोघड़, चम्बा, 19 अगस्त : मणिमहेश यात्रा की अव्यवस्थाओं को लेकर क्षेत्र में स्वर मुखर होने लगे हैं। इस वर्ष मणिमहेश यात्रा करके लौटे मेरा गांव मेरा स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष मेद सिंह ने आज भरमौर मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि पिछले एक दशक से मणिमहेश यात्रा के प्रबंध कामचलाऊ हैं। हर वर्ष यात्रियों की दुर्घटना में मृत्यु होना, घायल व बीमार हो जाना बेहद दुखदायी है।
मेद सिंह ने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान असुरक्षित पैदल मार्ग, स्वास्थ्य व स्वच्छता सुविधा की कमी, श्रद्धालुओं के ठहराव के लिए वर्षाशालिकाओं का अभाव, सामान ढोने वाले पशुओं के लिए अलग मार्ग न होना, हर यात्री का पंजीकरण आवश्यक न होना जैसी अव्यवस्थाओं के कारण इस वर्ष भी मणिमहेश यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा कोई सामान्य यात्रा नहीं है बल्कि यह देश भर के लोगों की आस्था से जुड़ा आयोजन है। प्रशासन ने अगर इसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी सम्भाली है तो इसे सुरक्षित व व्यवस्थित तरीके से चलाया जाना चाहिए। उन्होंने अपनी पूर्व की मणिमहेश यात्रा अनुभवों के साथ इस बार की यात्रा के प्रबंधों की तुलना करते हुए कहा कि एक दशक उपरांत भी इस यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं हुए हैं केवल कुछ लकड़ी के पुलों का स्थान लोहे के पुलों ने ले लिया है। प्रतिवर्ष शौचालय निर्माण पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं परंतु धरातल पर इनका लाभ श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाता। अभी यात्रा का आधा चरण पूरा हो चुका है परंतु शौचालय निर्माण का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। यात्रा पूरी होने के बाद निर्मित होने वाले शौचालयों का कोई औचित्य नहीं रह जाता, यह सरकारी धन का दुरुपयोग है।
उन्होंने कहा कि धणछो नाले पर बने पुलों का निर्माण कामचलाऊ है तकनीशियन के बजाए लोनिवि के मजदूर इन पुलों की मरम्मत व देखरेख का कार्य देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कहने को सैकड़ों शिकायतें यात्रा की अव्यवस्था को लेकर हैं परंतु इसके समाधान के लिए प्रशासन को चुनिंदा चंद लोगों के साथ बंद कमरे में निर्णय लेने के बजाए स्थानीय समाजसेवी संगठनों, व विभिन्न क्षेत्रों में महारत प्राप्त लोगों का सहयोग लेना चाहिए। समय रहते प्रबंध योजना का खाका तैयार करके उसे धरातल पर लागू किया जाना चाहिए।
मेद सिंह ने कहा कि वे मणिमहेश यात्रा वित्त के प्रबंधन पर प्रशासन की मदद कर सकते हैं । यात्री व स्थानीय लोगों पर बिना किसी आर्थिक बोझ डाले न्यास की आय को बढ़ाने व उसके अनावश्यक खर्च को बचाने में सहयोग करने में सक्षम हैं।
गौरतलब है कि मणिमहेश यात्रा के दौरान अब तक 07 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है जबकि यात्रा मार्ग पर स्वच्छता व सुरक्षा प्रबंध भी पूरे नहीं हो पाए हैं। मेद सिंह के अलावा मणिमहेश ठेकेदार यूनियन भरमौर भी यात्रा प्रबंधन पर सवाल उठा चुके हैं। हालांकि अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर ने राधाष्टमी स्नान से पूर्व सभी व्यवस्थाएं तैयार कर लेने का भरोसा दिया है।
आगामी दिनों में मणिमहेश यात्रा के दौरान व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार की चुनौतियां सामने आती व प्रशासन उन्हें किस प्रकार सम्हालता है, यह देखना शेष है।