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घोघड़, चम्बा 14 अगस्त : मणिमहेश यात्रा ज्यों-ज्यों आगे बढ़ रही है त्यों-त्यों श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। श्रद्धालुओं की अधिक संख्या के कारण हादसों का जोखिम भी बढ़ जाता है । अब तक सुरक्षित रूप से चल रही मणिमहेश यात्रा में आज कुछ दुखद घटनाएं सामने आई हैं।

पहली घटना में मणिमहेश जा रहा एक श्रद्धालु हड़सर से आगे गोई नाला नामक स्थान पर पहाड़ी से गिरते पत्थर की चपेट में आ गया । सिर पर गहरी चोट लगने के कारण उसकी मौके पर मृःत्यु हो गई। मृत्तक की पहचान देवेंदर सिंह पुत्र गोपी चंद,निवासी गांव मलौता, पंछेई, तहसील भेला, जिला डोडा, जम्मू-कश्मीर के रूप में हुई है। एसडीआरएफ के दल ने शव को सड़क तक पहुंचाया जहां से एम्बुलेंस से उसे नागरिक अस्पताल भरमौर पहुंचाया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर स्वजनों को सौंप दिया है। पुलिस थाना प्रभारी बाबू राम ने घटना की पुष्टि करते हुए यात्रियों को सतर्कता से यात्रा करने की अपील की है।

दूसरी घटना में हड़सर से मणिमहेश की ओर जा रहे अजमेर(राजस्थान) के सुरेश जैन घोड़े से गिर कर घायल हो गया। घायल को नागरिक अस्पताल भरमौर पहुंचाया गया। सुरेश जैन  के अनुसार घोड़े पर संतुलन बनाने के लिए पकड़ी रस्सी के टूट जाने से वे नीचे गिर गए । ढलान होने के कारण वे सड़क से कई मीटर नीचे लुढ़क गए। चिकित्सकों ने उपचार के बाद उन्हें आगामी परीक्षण हेतु चम्बा रैफर कर दिया है।

तीसरी घटना में 35 वर्षीय अजय कुमार नामक युवक मणिमहेश मार्ग की ढलान से असंतुलित होकर नीचे लुढ़क गया। घायल युवक को नागरिक अस्पताल भरमौर में उपचार को बाद चम्बा रैफर कर दिया गया है।

चौथी घटना में 65 वर्षीय सत्या देवी  का स्वास्थ्य गौरीकुंड नामक स्थान पर बिगड़ गया। गौरीकुंड नामक स्थान पर उसने घबराहट महसूस होने की शिकायत की जिस पर उसे वहां स्थापित मैड्कल कैम्प में ले जाया गया। स्वास्थ्य बिगड़ता देख एसडीआरएफ की टीम की मदद से परिजन उसे नागरिक अस्पताल भरमौर ले गए। उनकी हालात में सुधार हो रहा है।

गौरतलब है कि मणिमहेश यात्रा से पूर्व मणिमहेश न्यास ने यात्रियों से अपना मैडिकल परीक्षण करवाने की अपील की थी परंतु यात्रा से पूर्व इस महत्वपूर्ण कार्य को कोई भी गम्भीरता से नहीं ले रहा फलस्वरूप पहाड़ों की उंचाई व ऑक्सीजन की कमी के कारण शरीर पर इसके प्रभाव पड़ने लगता है। इस वर्ष की यात्रा में किसी श्रद्धालु की जान जाने का यह पहला मामला है।

यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं के लिए प्रशासन की लापरवाही भी एक कारण रहता है। हड़सर से मणिमहेश पैदल मार्ग पर कहीं भी पैरापिट, रेलिंग या अन्य तरीके के सुरक्षा प्रबंध नहीं किए गए हैं जिस कारण कई बार श्रद्धालु अन्य यात्रियों या घोड़े-खच्चरों से धक्का लगने के कारण गिरकर घायल हो जाते हैं।

यात्रा सुरक्षित करवाने के लिए प्रशासन को नए सिरे से प्रयास करने की आवश्यकता है।


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