घोघड़ न्यूज, 18 अगस्त : जुलाई माह में हुई भारी वर्षा के कारण भरमौर क्षेत्र में कई स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण कई पुलियां व रास्ते ध्वस्त हो गए थे। इस दौरान हड़सर-मणिमहेश पैदल मार्ग पर बनी पुलियां व रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गए थे जिससे मणिमहेश में 85 यात्री फंस गए थे जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए भरमौर प्रशासन को विशेष बचाव अभियान चलाना पड़ा था। 08 जुलाई को हुई इस भारी वर्षा के बाद प्रशासन ने जन्माष्टमी पूर्व मणिमहेश यात्रा पर अस्थाई रोक लगा थी ।
एक माह पूर्व हुई इस घटना के बाद स्थितियां अब काबू में होती दिख रही हैं। प्रशासन की रोक के बावजूद कई लोग मणिमहेश यात्रा पर निकल रहे हैं और कई श्रद्धालु मणिमहेश झील में स्नान करके लौट भी गए हैं। जबकि कई श्रद्धालु जन्माष्टमी पूर्व यात्रा के लिए प्रशासन के नये दिशा निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे नियमों की उल्लंघन न करते हुए मणिमहेश यात्रा कर सकें।
घोघड़ न्यूज ने मणिमहेश जाने की कामना लिए लोगों की बात को प्रशासन के समक्ष रखा जो जन्माष्टमी पर्व से पूर्व स्नान करना चाहते हैं। जिस पर उपमंडलाधिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने कहा कि हड़सर-मणिमहेश पैदल मार्ग की मुरम्मत कर ली गई है इसे और अधिक सुरक्षित बनाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी पूर्व मणिमहेश यात्रा पर से रोक अब हटा ली गई है लेकिन प्रशासन अभी यात्रा की अधिकारिक अनुमति प्रदान नहीं कर रहा है। जो भी यात्री इस दौरान मणिमहेश जा रहे हैं वे पर्वतारोहण के नियमों को अपनाते हुए ही यात्रा करें ।
गौरतलब है कि इस वर्ष जन्माष्टमी स्नान 06 सितम्बर व राधाष्टमी स्नान 21 सितम्बर को होगा । चूंकि सितम्बर माह से भरमौर क्षेत्र में शीतकाल का आगमन हो जाता है इसलिए सितम्बर माह व उसके उपरांत होने वाले मणिमहेश स्नान को ठंडा न्हौण कहा जाता है। ठंडा न्हौण होने के कारण बहुत से श्रद्धालु अगस्त माह में ही अपना मणिमहेश यात्रा पूरी कर लेना चाहते हैं ऐसे में प्रशासन द्वारा मणिमहेश यात्रा पर से रोक हटा लेने से श्रद्धालुओं को राहत मिल सकती है।