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घोघड़, दिल्ली, 02 फरवरी : सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की सामाजिक क्षेत्र की पहल के तहत 2014-15 के केंद्रीय बजट में “अनुसूचित जातियों के लिए क्रेडिट वृद्धि गारंटी योजना” (सीईजी एसएससी ) की घोषणा की गई थी। सीईजीएसएससी योजना 200 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ शुरू की गई थी।

योजना का उद्देश्य सदस्य ऋण संस्थानों (एमएलआई), जो एससी उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे, को ऋण वृद्धि गारंटी प्रदान करके अनुसूचित जाति के उद्यमियों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देना है। आईएफसीआई लिमिटेड एमएलआई, जिन्हें अनुसूचित जाति के उद्यमियों को वित्तपोषित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है को गारंटी देने की योजना के कार्यान्वयन की नोडल एजेंसी है। योजना के तहत, अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्ति, एकल स्वामित्व, पंजीकृत कंपनियां, साझेदारी और सोसायटी, एमएलआई के माध्यम से सावधि ऋण/समग्र सावधि ऋण/कार्यशील पूंजी सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

योजना की मुख्य विशेषताएं

  • एससी उद्यमियों द्वारा प्रवर्तित संस्थाएं बैंकों/एमएलआई से 15 लाख रुपये से लेकर 5 करोड़ रुपये से अधिक तक का ऋण प्राप्त कर सकती हैं।
  • बैंक/एमएलआई सीईजीएसएससी योजना के तहत अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक की गारंटी प्राप्त कर सकते हैं।
  • रु. 15 लाख से 1 करोड़ रु. तक लिए गए ऋण के लिए 100% गारंटी कवर बैंकों/एमएलआई को उपलब्ध होगा।
  • 1 करोड़ से 2 करोड़ रुपए तक लिए गए ऋण के लिए 80% गारंटी कवर बैंकों/एमएलआई को उपलब्ध होगा।
  • 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपए तक लिए गए ऋण के लिए 70% गारंटी कवर बैंकों/एमएलआई को उपलब्ध होगा।
  • 5 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण के लिए 60% गारंटी कवर बैंकों/एमएलआई को उपलब्ध होगा, अधिकतम गारंटी कवर 5 करोड़ रुपये तक।
  • अनुसूचित जाति के उद्यमियों या उनके द्वारा प्रवर्तित संस्थाओं को ऋण प्राप्त करने के लिए अपने क्षेत्र में एमएलआई/बैंकों की एक शाखा से संपर्क करना होगा। बदले में, एमएलआई/बैंक सीईजीएसएससी योजना के तहत गारंटी का लाभ उठा सकते हैं।

गारंटी कवर का लाभ उठाने की पात्रता

  • पंजीकृत कंपनियाँ, समितियाँ
  • पंजीकृत भागीदारी फर्म
  • एकल स्वामित्व वाली फर्में
  • व्यक्तिगत एससी उद्यमी
  • कंपनियों/सोसाइटियों/फर्मों में अनुसूचित जाति के उद्यमियों/प्रमोटरों/सदस्यों की 51% से अधिक हिस्सेदारी होनी चाहिए और उनका प्रबंधन नियंत्रण न्यूनतम 6 महीने तक होना चाहिए।
  • विस्तारित वित्तीय सहायता के लिए जैसे कि सावधि ऋण या समग्र सावधि ऋण/कार्यशील पूंजी सुविधा सदस्य ऋण संस्थानों (एमएलआई) को गारंटी जारी की जाती है।
  • ऋण को ऋण से बनाई गई परिसंपत्तियों और सहायता प्राप्त कंपनी/फर्म/सोसाइटी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी की प्रतिज्ञा द्वारा कवर किया जाएगा।
  • योजना के तहत बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए किसी संपार्श्विक सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है।

गारंटी अवधि

अधिकतम 7 वर्ष या पुनर्भुगतान अवधि तक, जो भी पहले हो। हालाँकि, प्रारंभ में ऋण की गारंटी 1 वर्ष के लिए दी जाएगी और वार्षिक अंतराल पर नवीनीकृत की जाएगी।

गारंटी कवर के लिए देय शुल्क

  • बैंकों/एमएलआई द्वारा वार्षिक नवीनीकरण शुल्क ऋण राशि और नवीनीकरण के समय के आधार पर 0.20% प्रति वर्ष 0.75% प्रति वर्ष के बीच देय होगा।
  • अनुसूचित जाति की महिलाओं और अनुसूचित जाति के दिव्यांग उद्यमियों के लिए, शुल्क ऋण राशि और नवीनीकरण के समय के आधार पर 0.10% प्रति वर्ष से लेकर 0.50% प्रति वर्ष तक है।

ऋण देने वाली सदस्य संस्थाएं (एमएलआई)/बैंक

  • भारतीय स्टेट बैंक, मुंबई
  • बैंक ऑफ बड़ौदा, मुंबई
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, मुंबई
  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पुणे
  • आईडीबीआई बैंक, मुंबई
  • पंजाब नेशनल बैंक, नई दिल्ली
  • बैंक ऑफ इंडिया, मुंबई
  • इंडियन बैंक, चेन्नई
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, मुंबई
  • केनरा बैंक, बेंगलुरु
  • पंजाब एंड सिंध बैंक, नई दिल्ली
  • यूको बैंक, कोलकाता
  • इंडियन ओवरसीज बैंक, चेन्नई
  • कर्नाटक बैंक, मैंगलोर
  • धनलक्ष्मी बैंक, त्रिशूर
  • पल्लवन ग्राम बैंक, सेलम (अब तमिल नाडु ग्राम बैंक)
  • सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक, रोहतक, हरियाणा

उपलब्धियां

31.1.2024 तक, संचयी आधार पर, एससी उद्यमियों द्वारा प्रवर्तित 66 संस्थाओं को लगभग 109 करोड़ रुपए बैंक ऋण के बदले पूरे भारत में 72 करोड़ रु का गारंटी कवर स्वीकृत किया है। सीईजीएसएससी के माध्यम से, लगभग 4049 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न हुए हैं जिनमें प्रत्यक्ष कर्मचारी, श्रमिक, आपूर्तिकर्ता, विक्रेता, अन्य सहायता सेवाएँ आदि शामिल हैं।


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