घोघड़, चम्बा,30 जनवरी : भरमौर क्षेत्र में लोकनिर्माण विभाग की कारगुजारियों के नित दिन खुलासे हो रहे हैं। विभाग के कार्यालय के माध्यम से हुई अनियमिताओं की जांच अभी विजिलेंस में जारी है इस बीच धरातल पर मानकों को ताक पर किए जा रहे कार्यों की पोल भी दिन व दिन खुल रही है। गत दिनों विभाग द्वारा आमंत्रित टेंडर प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग गए हैं जिस कारण विभाग की गुणवत्ताहीन कार्यप्रणाली लोगों की नजर मेैं आ गई है।
इसी कड़ी में लोनिवि विभाग द्वारा निर्मित एक कंकरीट डंगा दस माह भी नहीं टिक पाया है। प्रंघाला-हड़सर सड़क मार्ग पर गत वर्ष लोनिवि ने करीब दस लाख रुपये की लागत से कंकरीट का डंगा लगवाया था । परंतु यह डंगा दस माह भी नहीं टिक पाया और इसमें जगह जगह पर बड़ी दरारें आ गई हैं । अब यह कभी भी धराशायी हो सकता है। लोगों ने विभाग की कार्यप्राणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए इसे भ्रष्टाचार करार दिया है। लोगों का कहना है कि बाजार से सौ रूपये की वस्तु खरीदने पर उसकी गारंटी वारंटी मांगी जाती है परंतु सरकार के दस लाख रुपये से हुए निर्माण की कोई गांरंटी-वारंटी विभाग नहीं देता। यहां सरकारी धन का बुरी तरह दुरुपयोग किया जा रहा है । लोगों ने सरकार से मांग की है विभाग द्वारा करावाए गए सभी कार्यों की गहन जांच करवाए व इसमें संलिप्त अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।
इस बारे में विभागीय सहायक अभियंता विशाल चौधरी ने कहा कि उक्त डंगा उसी ठेकेदार से उसके ही खर्च पर दोबारा निर्मित करवाया जाएगा। इस कार्य पर अब सरकारी धन का उपयोग नहीं किया जाएगा।
स्थानीय स्वयंसेवी गुलशन नंदा ने कहा कि सड़क से जुड़े निर्माण कार्यों के दौरान निर्माण सामग्री, उसके विशेष विवरण (स्पैसीफिकेशन), नींव की जांच वहां तैनात कनिष्ठ अभियंता द्वारा की जाती है जबकि कार्य पूरा होने पर कनिष्ठ अभियंता द्वारा ही कार्य की पैमाईश की जाती है। जिसके अगले चरण में कार्य का मापदंडों के अनुरूप बना होने की रिपोर्ट (टैस्ट चैक) लोनिवि सहायक अभियंता द्वारा दी जाती है जिसके उपरांत ही ठेकेदार की पेमेंट जारी की जाती है। ऐसे में इस प्रकार के कार्य के लिए विभागीय अधिकारी ज्यादा जिम्मेदार हैं इसलिए मामले की जांच कर कसूरवार अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।