घोघड़, ऊना, 18 दिसम्बर : स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के अंतर्गत नगर निगम ऊना में गुरुवार को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का आयोजन शहरी विकास निदेशालय, हिमाचल प्रदेश तथा स्वच्छता नॉलेज पार्टनर संस्था हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरनमेंट, इकोलॉजी एंड डेवलपमेंट (हाइफीड) के सहयोग से किया गया।
कार्यशाला में नगर निगम ऊना के अलावा नगर पंचायत अंब, गगरेट, दौलतपुर, संतोषगढ़, टाहलीवाल और मेहतपुर से आए अधिकारियों, सफाई निरीक्षकों, सफाई पर्यवेक्षकों, विद्यालय शिक्षकों, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों और स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त आयुक्त नगर निगम ऊना मनोज कुमार और जिला समन्वयक मुनीश जस्सल ने किया। उन्होंने शहरों को स्वच्छ एवं कचरा मुक्त बनाने में आम जनता की भागीदारी को अत्यंत आवश्यक बताते हुए स्वच्छता को जन आंदोलन के रूप में अपनाने पर जोर दिया।
प्रशिक्षण सत्रों के दौरान कचरा मुक्त शहरों के निर्माण से जुड़े ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रतिभागियों को स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के उद्देश्य, घरेलू व बल्क वेस्ट जनरेटर की भूमिका, कचरे का वर्गीकरण, स्रोत पर पृथक्करण, स्वच्छ सर्वेक्षण, प्रभावी कचरा प्रबंधन रणनीतियों, व्यवहार परिवर्तन और मिशन की संस्थागत व्यवस्था की जानकारी दी गई।
इसके साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के प्रमुख प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला गया, जिससे अधिकारियों और अन्य हितधारकों को नियमों के व्यवहारिक अनुपालन को समझने में सहायता मिली।
कार्यशाला में हाइफीड संस्था के विषय विशेषज्ञ ज्ञान प्रकाश मिश्रा, प्रकाश दत्त भाटिया, अनिल पैन्यूली और सुभाष शर्मा ने अपने विचार साझा करते हुए अपशिष्ट प्रबंधन की बेहतर एवं टिकाऊ पद्धतियों पर मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में स्वच्छता को मजबूत करने के लिए समन्वित प्रयास करने का संकल्प लिया।

