Ghoghad.com

घोघड़, शिमला, 12 सितम्बर : नगर निगम क्षेत्र शिमला में 15 से 29 अगस्त 2025 तक सामूहिक एंटी-रेबीज़ टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस पहल का उद्देश्य शहर में आवारा और पालतू कुत्तों में व्यापक स्तर पर टीकाकरण सुनिश्चित कर रेबीज़ के खतरे को समाप्त करना था।

अभियान में एमसी शिमला, पशुपालन विभाग, मिशन रेबीज़ इंडिया, ह्यूमेन पीपल (रामपुर), कम्पैशन फॉर एनिमल वेलफेयर, नेबरहुड वूफ (दिल्ली), पीपल फ़ार्म और जस्ट बी फ़्रेंडली (असम) जैसी संस्थाओं ने भागीदारी निभाई। इसके साथ ही स्थानीय डॉग फीडर्स ने भी अभियान टीमों की मदद की।

जिला नोडल अधिकारी (रेबीज़ नियंत्रण) डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि इस दौरान 3,507 कुत्तों को टीके लगाए गए। यह आंकड़ा शहर की अनुमानित कुत्ता आबादी का लगभग 90% है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 70% से अधिक टीकाकरण कवरेज रेबीज़ की श्रृंखला को तोड़ने के लिए पर्याप्त है।

अभियान को सफल बनाने के लिए सात टीमें बनाई गई थीं, जिनमें वैक्सीनेटर, डेटा कलेक्टर, कैचर और ड्राइवर शामिल थे। सभी टीमों ने वार्ड स्तर पर सुनियोजित ढंग से कार्य किया।

नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने सहयोग करने वाले सभी संगठनों और बाहरी राज्यों से आए विशेषज्ञों का आभार जताया। राज्य सरकार ने भी इस अभियान को सराहनीय बताते हुए इसे रेबीज़ उन्मूलन की दिशा में अहम उपलब्धि करार दिया।

मिशन रेबीज़ इंडिया के ऑपरेशन्स डायरेक्टर डॉ. बालाजी चंद्रशेखर ने कहा कि संस्था हर साल शिमला में सामुदायिक कुत्तों के लिए टीके उपलब्ध कराएगी। साथ ही, पालतू कुत्तों के लिए डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन की रणनीति भी लागू करनी होगी। एमसी शिमला के आयुक्त भूपिंदर अटरी ने भी ऐसी योजना को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया।

योजना के अनुसार यह अभियान लगातार पाँच वर्षों तक प्रतिवर्ष चलाया जाएगा। इस दौरान यदि रेबीज़ का कोई मामला सामने नहीं आता, तो शिमला को “रेबीज़ मुक्त शहर” घोषित किया जाएगा।


Ghoghad.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page