घोघड़ न्यूज, 23 अगस्त 2023 : वार्षिक मेलों के आयोजन से हर वर्ष लाखों रुपये की आय प्राप्त करने वाली ग्राम पंचायत भरमौर, चम्बा जिला की सम्पन्न पंचायतों में से एक मानी जाती है। यह पंचायत हर वर्ष जन्माष्टमी पर्व पर मेलों का आयोजन करती है जिस दौरान वह चौरासी मंदिर परिसर में अस्थाई दुकानों के प्लॉट नीलाम करके लाखों रुपये की आय प्राप्त करती है। ग्राम पंचायत की इस आय पर वर्षों से सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की ललचाती नजरें रही हैं। परंतु ग्राम पंचायत के पास पंचायती राज अधिनियम द्वारा प्रदत अधिकार व हिप्र उच्च न्यायालय से वर्ष 2007 में जारी निर्णय रुपी हथियार अब तक उसे मेले से आय अर्जित करने के लिए बचाते रहे हैं लेकिन अब मणिमहेश न्यास भरमौर ने चौरासी मंदिर परिसर की भूमि पर अपना दावा ठोकते हुए ग्राम पंचायत को नोटिस जारी कर उससे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि मणिमहेश न्यास की अनुमति के बिना चौरासी मंदिर परिसर में अस्थाई दुकानों के प्लॉट क्यों नीलाम किए गए। ghoghad.com
पंचायत प्रधान को नोटिस जारी करने के साथ ही मणिमहेश न्यास ने इसी मंदिर परिसर में अस्थाई दुकानों की नीलामी के लिए 120 फायरप्रूफ टैंट लगाने के लिए निविदा भी आमंत्रित कर दी है जिनमें दुकानें स्थापित करने के लिए विभाजन किया जा सके। मणिमहेश निविदा आमंत्रण की सूचना मिलने के बाद ग्राम पंचायत भरमौर से अस्थाई दुकानों के प्लॉट खरीदने वालों में हड़कम्प मच गया है। प्लाट खरीदने वाले अब इस पशोपेश में हैं कि अगर मणिमहेश न्यास ने उनके प्लाटों को किसी और को नीलाम कर दिया तो वे अपनी राशि वापिस कैसे पाएंगे। ghoghad.com
क्या है पूरा मामला – गत 18 अगस्त को ग्राम पंचायत भरमौर ने खुली बोली के तहत चौरासी मंदिर परिसर में अस्थाई दुकानों के 150 प्लॉट की नीलामी 59.13 लाख रुपये अर्जित किए तो उधर 19 अगस्त को चेयरमैन मणिमहेश न्यास एवं अतिरिक्त उपायुक्त भरमौर नवीन तंवर ने उक्त ग्राम पंचायत के प्रधान को नोटिस जारी कर नीलामी का स्पष्टीकरण मांग लिया । इस नोटिस में मणिमहेश न्यास ने दावा किया है कि चौरासी मंदिर परिसर की भूमि ‘मंदरात चौरासी प्रबंधक,कमेटी मंदरात जिला चम्बा’ के नाम से है जोकि मणिमहेश न्यास भरमौर का ही प्रारूप है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2018 व 2020 को मणिमहेश न्यास की बैठकों में फैसला लिया गया था कि मणिमहेश यात्रा के दौरान ग्राम पंचायत भरमौर 84 मंदिर परिसर में अस्थाई दुकानों के प्लॉट जारी न करे। ghoghad.com
मणिमहेश न्यास के नोटिस का जबाव देते हुए प्रधान ग्राम पंचायत भरमौर ने अपने पत्र में कहा है कि पंचायती राज अधिनियम 1994 के भाग 20 के साथ 1997 के पंचायती राज नियम 40 को जोड़ने से यह ग्राम पंचायत को अपने अधिकार क्षेत्र में मेले आयोजित करने का अधिकार देता है। इसके साथ प्रधान ग्राम पंचायत भरमौर ने उच्च न्यायालय हिप्र द्वारा वर्ष 2007 में मेले के आयोजन के अधिकार को लेकर पंचायत के पक्ष में दिए निर्णय का हवाला भी दिया है। पंचायत सचिव ने नोटिस की पुष्टि करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा चौरासी मंदिर परिसर में स्थानीय जातरों का आयोजन किया जाता है जिसका मणिमहेश यात्रा के आयोजन से कोई सम्बंध नहीं है। उन्होंने कहा कि मणिमहेश न्यास की ओर से उनके उत्तर का प्रत्युत्तर नहीं आया है। ghoghad.com
चौरासी मंदिर में अस्थाई दुकानों के नाम पर होने वाली आय को कब्जाने की खींचतान में लगे मणिमहेश न्यास व ग्राम पंचायत भरमौर से अलग स्थानीय लोगों व मणिमहेश यात्रियों के विचार इससे अलग हैं। इस आमजनमानस का कहना है कि चौरासी मंदिर परिसर में अस्थाई दुकानें स्थापित होने से यहां के मंदिर दुकानों की ओट में ढक जाते हैं और श्रद्धालुओं को मंदिरों की स्थिति का पता ही नहीं चल पाता। यात्रा के दौरान लोग मंदिरों को ढूढते फिरते हैं। लोगों की मांग है कि छौरासी मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की दुकानें स्थापित न की जाएं बल्कि व्यवस्था ऐसी बनाई जाए कि श्रद्धालु यहां नंगे पांव पूरे परिसर के मंदिरों के दर्शन कर सकें। ghoghad.com
बहरहाल अब लोगों की नजरें किसकी हार किसकी जीत की स्थिति में पहुंच गए इस मामले पर टिक गई है मणिमहेश न्यास ने निविदा करवाने के बाद 07 सितम्बर से अस्थाई दुकानें चालू करने का निर्णय लिया है। ghoghad.com