चम्बा, 04 जुलाई : चम्बा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में इन दिनों विकास कार्यों में अनियताएं सामने आ रही है। ताजा मामला भरमौर लघुसचिवालय से चंद मीटर की दूरी पर स्थित ठोस कचरा डम्पिंग साईट की दीवार ढहने से जुड़ा हुआ है। भरमौर मुख्यालय की सफाई के दौरान निकले कचरे को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से भरमौर प्रशासन ने दो वर्ष पूर्व ही पट्टी नाला नामक स्थान के पास ठोस कचरा डम्पिंग साईट बनाई थी। जिसे नाले के साथ पहाड़ी तलहटी पर ककंरीट की दीवार बनाकर तैयार किया गया था। कुछ दिन पूर्व से इस डम्पिंग साईट की दीवार में दरारें आने लगी थीं। और तीन दिन पूर्व यह दीवार भरभरा कर टूट गई ।
कंकरीट की इस दीवार के निर्माण में किस स्तर की निर्माण सामग्री का प्रयोग हुआ होगा इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि न तो कंकरीट की दीवार के नीचे से भूस्खलन के कारण जमीन खिसकी व न ही इसके ऊपरी भाग से कोई बाढ़ या चट्टानें गिरीं हैं।
हैरानी की बात यह है कि आम लोगों के टैक्स से जारी लाखों रुपये से बनी इस डम्पिंग साईट की दीवार गिरे तीन दिन हो गए हैं लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस बारे में संज्ञान नहीं लिया है। लाखों रुपयों की लागत से बनी इस दीवार को टूटने पर कोई कार्रवाई न होते देख स्थानीय लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपमंडलाधिकारी भरमौर को इस संदर्भ में एक शिकायत पत्र सौंप कर जल्द कार्रवाई की मांग की है।
ग्राम पंचायत सचूईं के प्रधान संजीव ठाकुर, पंचायत समिति सदस्य विक्रम ठाकुर, स्थानीय समाज सेवी अनिल ठाकुर,मंजू क्षत्रीय, ग्राम पंचायत सचूईं के पूर्व उप प्रधान सुमन कुमार सहित अन्य समाज सेवी लोगों के प्रतिनिधि मंडल ने शिकायत पत्र के माध्यम से उपमंडलाधिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा को बताया कि जितनी राशि से यह दीवीर बनाई गई है उतनी राशि से एक बड़ा स्कूल भवन, अस्पताल भवन या अन्य आव्शयक ढांचागत निर्माण किया जा सकता था। उन्होंने इस कार्य में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए गहन जांच की मांग उठाई है। इस प्रतिनिधि मंडल ने मांग की है कि प्रशासन द्वारा की जाने वाली जांच में उन्हें भी शामिल किया जाए ताकि जांच में पारदर्शिता बनी रहे।
विभागीय सूत्रों की माने तो करीब तीस फुट लम्बी व करीब दस फुट ऊंची इस दीवार के निर्माण पर करीब 24 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। कंकरीट की केवल एक दीवार पर 24 लाख खर्च करने का औचित्य स्थानीय लोगों को भी समझ नहीं आया था । लेकिन जब दीवार टूट गई तो लोगों को इसके निर्माण में धांधली होने के सबूत मिलने लगे जिस कारण लोगों ने प्रशासन को उक्त मामले में शिकायत दर्ज करवाई है।
इस प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों की माने तो अगर इस मामले में लीपापोती होती है तो इसकी जांच बड़े स्तर पर करवाई जाएगी।